प्रदेश विजिलेंस ब्यूरो की टीम ने की कार्रवाई, जुर्माना कम करने की एवज में मांगी थी रिश्वत
Punjab Crime News (आज समाज), चंडीगढ़ : प्रदेश सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई हुई है। इसी के चलते प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में विजिलेंस टीमें ऐसे कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही हैं जो रिश्वत मांगने और भ्रष्टाचार के मामलों में लिप्त होते हैं।
ताजा कार्रवाई करते हुए प्रदेश विजिलेंस ब्यूरो की टीम ने गुरदासपुर जिले की मार्केट कमेटी, काहनूवान में तैनात मंडी सुपरवाइजर रशपाल सिंह को 7 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। राज्य विजिलेंस ब्यूरो के एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि उपरोक्त मुलजिम को अनाज मंडी, काहनूवान के एक आढ़ती द्वारा दर्ज करवाई गई शिकायत के आधार पर गिरफ्तार किया गया है।
पीड़ित ने यह शिकायत दर्ज करवाई
उन्होंने आगे कहा कि शिकायतकर्ता ने विजिलेंस ब्यूरो को बताया कि मार्केट कमेटी काहनूवान ने दिसंबर 2024 में उसकी फर्म पर गलत तरीके से 18 हजार 610 रुपये का जुर्माना लगा दिया था। इस मामले को हल करने की बार-बार कोशिशों के बावजूद मार्केट कमेटी के अधिकारियों ने जुर्माना वापस लेने से इंकार कर दिया। गेहूं की खरीद का सीजन निकट आ रहा था, जिस कारण शिकायतकर्ता को अपनी दूसरी फर्म, जो उसकी मां के नाम पर रजिस्टर्ड है, के मियाद खत्म हुए लाइसेंस को रिन्यू कराने की जरूरत थी।
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि जब उसने दोनों मामलों को सुलझाने के लिए उपरोक्त मुलजिम रशपाल सिंह से संपर्क किया, तो इस मंडी सुपरवाइजर ने रिश्वत के रूप में 8 हजार रुपये की मांग की, लेकिन उसके जोर करने के बाद रिश्वत की राशि घटाकर 7 हजार रुपये कर दी गई।
तरनतारन में 10 हजार लेता अधिकारी काबू
पंजाब अनुसूचित जाति भू विकास और वित्त निगम, तरन तारन में जिला मैनेजर चिमन लाल को 10,000 रुपए रिश्वत लेते हुये रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। इस संबंध में और जानकारी देते हुए राज्य विजिलेंस ब्यूरो के सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि यह गिरफ्तारी तरन तारन जिले के गांव गिधड़ी बघीहारी के एक शिकायतकर्ता द्वारा दर्ज करवाई गई शिकायत की जांच के बाद की गई है। उन्होंने आगे बताया कि शिकायतकर्ता ने विजिलेंस ब्यूरो से संपर्क कर आरोप लगाया है कि उसकी दिव्यांग बहन ने साल 2009 में उक्त कॉरपोरेशन से 1,00,000 रुपए का कर्ज लिया था।
इसके बाद सरकार ने ऐसे कर्जों की माफी का एलान किया था, लेकिन उक्त मैनेजर ने सरकार द्वारा माफ किए गए कर्ज की प्रक्रिया और इसका निपटारा करने के लिए उससे 10,000 रुपए रिश्वत की मांग की है। प्रवक्ता ने आगे कहा कि इस शिकायत की प्रारंभिक तस्दीक के बाद विजिलेंस ब्यूरो की टीम ने जाल बिछाया, जिसमें उक्त आरोपी को दो सरकारी गवाहों की मौजूदगी में शिकायतकर्ता से 10,000 रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया गया।
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