- आदर्श ग्राम योजना के तहत कार्यों को पूर्ण करने के लिए समय सीमा निर्धारित करें- अपूर्व देवगन
(Mandi News) आज समाज-मंडी। प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना (Pradhan Mantri Adarsh Gram Yojana) के तहत गठित जिला स्तरीय अभिसरण समिति की बैठक उपायुक्त अपूर्व देवगन (deputy commissioner aproov devgan) की अध्यक्षता में आयोजित की गई। इसमें इस योजना के तहत मंडी जिला में चयनित आदर्श गांवों में जारी विभिन्न विकास कार्यों की समीक्षा की गई।
उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2009-10 में शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य केंद्र व राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का अभिसरण कर 40 प्रतिशत या इससे अधिक अनुसूचित जाति जनसंख्या वाले गांवों का विकास सुनिश्चित करना है।
योजना के तहत चयनित प्रत्येक आदर्श गांव को अंतर भरण निधि (गैप फीलिंग फंड) के रूप में 20 लाख रुपए आवंटित किए जाते हैं।
उन्होने कहा कि मंडी जिला में इस योजना के अंतर्गत 141 आदर्श ग्राम चयनित किए गए हैं। इनमें से अभी तक 72 गांवों को सरकार की ओर से आदर्श गांव घोषित किया जा चुका है।
इन गांवों में विभिन्न योजनाओं के अभिसरण से पेयजल व स्वच्छता, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पोषण, सामाजिक सुरक्षा, ग्रामीण सड़कें एवं आवास, विद्युत एवं स्वच्छ ईंधन, कृषि व्यवस्था, वित्तीय समावेशन, डिजिटाइजेशन, जीविकोपार्जन व दक्षता विकास जैसे क्षेत्रों में कार्य किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि योजना के तहत तीन गांवों का चयन कर सर्वश्रेष्ठ ग्राम पंचायत पुरस्कार भी प्रदान किए जाते हैं।
बैठक में बताया गया कि मंडी जिला में इन आदर्श गांवों के लिए अभी तक लगभग 9 करोड़ 68 लाख 40 हजार रुपए की राशि जारी की जा चुकी है। इसके तहत विभिन्न विकास खंडों में 2,566 से अधिक कार्य विभिन्न चरणों में हैं।
अभी तक लगभग 2 करोड़ 56 लाख रुपए से अधिक के उपयोगिता प्रमाण पत्र भी प्राप्त हो चुके हैं।
उन्होने सभी खंड विकास अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे योजना के तहत जारी कार्यों के पूर्ण होने के लिए समय सीमा निर्धारित कर इनकी निरंतर निगरानी करें। उन्होंने जिला स्तर पर डीआरडीए व सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के माध्यम से निरंतर निगरानी एवं समीक्षा करने को भी कहा।
उन्होंने उपस्थित ग्राम पंचायत प्रधानों से भी आग्रह किया कि वे अपनी-अपनी पंचायतों में जारी इन कार्यों को शीघ्र पूर्ण करने में अपनी सक्रिय भूमिका निभाएं।
उन्होंने कहा कि ग्राम स्तर पर गठित समितियां ही ग्राम विकास की योजना तैयार कर इन्हें जिला स्तर पर प्रेषित करती है। ऐसे में पंचायत प्रतिनिधियों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।
जिला कल्याण अधिकारी ने बैठक की कार्रवाई का संचालन किया। बैठक में जिला विकास अधिकारी सहित संबंधित विभागों के अधिकारी एवं पंचायत प्रतिनिधि उपस्थित थे, जबकि खंड विकास अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इसमें जुड़े।