-
सफलता की कहानीः
-
सपेड़ी गांव के दीनानाथ के लिए मछली पालन व्यवसाय बना स्वरोजगार का उत्तम साधन
-
प्रदेश सरकार की ओर से मुफ्त बीज व टैंक निर्माण में अनुदान ने बढ़ाया हौसला
Mandi News : मंड़ी। जिला मंड़ी के उपमंडल पधर में किसान अब पारम्परिक खेती के साथ ही मत्स्य पालन कर अपनी आर्थिकी सुदृढ़ करके आत्मनिर्भर बन रहे हैं। उपमंडल की ग्राम पंचायत कुन्नू के सपेड़ी गांव के दीनानाथ ने मछली पालन को व्यवसाय के रूप में अपनाकर स्वरोजगार के नए साधन सृजित किए हैं।
उपमंडल पधर के किसान दीनानाथ बताते हैं कि वह परिवार का पालन-पोषण करने के लिए खेतीबाड़ी का काम करते हैं। इस कार्य से घर का खर्च चलाना थोड़ा मुश्किल हो रहा था, इसलिए उन्होंने पारिवारिक आय बढ़ाने के लिए कुछ नया करने के बारे में सोचा। इस बीच उन्हें मछली पालन के बारे में जानकारी मिली और उन्होंने इस व्यवसाय को शुरू करने का मन बना लिया।
प्रदेश सरकार मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करती है
उन्हें पता चला कि प्रदेश सरकार भी मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करती है। ऐसे में उनका हौसला और बढ़ा तथा विभाग से समय-समय पर सहयोग भी मिला। उन्होंने मत्स्य पालन को व्यावसायिक तौर पर शुरू करने के लिए दो टैंकों का निर्माण किया। इनमें से एक टैंक के निर्माण पर लगभग 75 हजार रुपए का खर्च आया। उन्हें प्रदेश सरकार की ओर से इस पर 50 प्रतिशत अनुदान भी मिला। दूसरे टैंक का निर्माण उन्होंने हाल ही में किया जिस पर लगभग 1.50 लाख रुपए व्यय हुए। कृषि विभाग कार्यालय पधर के माध्यम से उन्होंने इस पर भी 50 प्रतिशत अनुदान के लिए आवेदन किया है।
यूनिट से मछली का अच्छा उत्पादन हुआ और अब इसे आगे बढ़ाने का सोच रहे-दीनानाथ
उन्होने बताया कि अभी उन्होंने छोटे यूनिट में मछली पालन का कार्य आरंभ किया है। इस यूनिट से मछली का अच्छा उत्पादन हुआ और अब इसे आगे बढ़ाने का सोच रहे हैं। उन्होंने अपने टैंक में कॉर्प फिश का बीज डाला था जो कृषि विभाग कार्यालय पधर की ओर से उन्हें निःशुल्क दिया गया। इससे मछली का बेहतर उत्पादन हुआ और चार से छह माह के अंतराल में 300 से 500 ग्राम वजन तक यह पहुंच चुकी हैं। मछलियां घर में ही अच्छे दाम पर 300 रुपए प्रति किलो तक बिक रही हैं। उन्होंने किसान हितैषी योजनाएं चलाने के लिए प्रदेश सरकार विशेषतौर पर मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू का धन्यवाद किया है।
दीनानाथ को जल से कृषि को बल योजना के तहत 36 हजार रुपए की अनुदान राशि टैंक निर्माण के लिए दी गई है। उन्होंने बताया कि उपमंडल पधर में फिश फार्मिंग के तहत 5 किसानों को टैंक की मुरम्मत के लिए 25 हजार रुपए की राशि प्रदान की गई है। इसके अतिरिक्त कॉर्प फिश का बीज भी दिया गया है। कृषि विभाग की तरफ से उपमंडल पधर के लगभग 1500 किसानों को राष्ट्रीय सतत् कृषि योजना के तहत कृषि से संबंधित प्रशिक्षण भी प्रदान किया गया है।-सोनम कुमारी, विषयवाद् विशेषज्ञ।