Mandi News : चरस रखने का अपराध सिद्ध दोषी को कठोर कारावास के साथ जुर्माने की सजा

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चरस रखने का अपराध सिद्ध दोषी को कठोर कारावास के साथ जुर्माने की सजा

Mandi News : आज समाज-मंड़ी। माननीय विशेष न्यायाधीश-1 मण्डी की अदालत ने एक अहम मामले में आरोपी अन्चल कुमार निवासी सारनु डाकघर व तहसील शाहपुर जिला काँगड़ा, हिमाचल प्रदेश को 1.989 किलोग्राम चरस रखने का अपराध सिद्ध होने पर 11 वर्ष के कठोर कारावास की सजा के साथ 1 लाख 10 हजार जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना अदा नहीं करने की इस सूरत में अदालत ने दोषी को एक वर्ष एक महीने के अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई है।

मामले की जानकारी देते हुए उप जिला न्यायवादी, मण्डी, नितिन शर्मा, ने बताया कि इस मामले में दिनांक 03 अगस्त 2023 को अन्चल कुमार के खिलाफ पुलिस थाना जोगिन्द्रनगर में अभियोग संख्या 110/2023 दर्ज हुआ था। दिनांक 03 अगस्त 2023 को अन्वेषण अधिकारी थाना जोगिन्द्रनगर नाकाबन्दी हेतु कंधार-घटासनी सडक पर अपनी पुलिस टीम के साथ मौजूद था, तथा आने-जाने वाली छोटी-बडी गाडियों को चैक किया जा रहा था। समय 11ः15 बजे प्रातः को एक निजी गाड़ी न० एचपी-32ए-6476 जिसे चैक करने के लिए रोका गया।

तलाशी के दौरान उस व्यक्ति की गाड़ी से 1.989 किलोग्राम चरस पाई गई

गाड़ी के चालक ने गाड़ी को सडक के किनारे खडा किया, उस समय गाड़ी में केवल एक व्यक्ति बैठा था। उस व्यक्ति से गाड़ी के दस्तावेज मांगने पर वह कहने लगा कि मुझे जाने दो मुझे जल्दी है वह व्यक्ति घबराया हुआ प्रतीत हुआ और वह बार-बार गाड़ी में रखे गये एक पिठू बैग की तरफ देख रहा था। उसके इस तरह के व्यवहार के कारण उक्त व्यक्ति के पास संदिग्ध/चोरी का सामान होने का अन्देशा होने पर गाड़ी की तलाशी ली गई थी। तलाशी के दौरान उस व्यक्ति की गाड़ी से 1.989 किलोग्राम चरस पाई गई थी। मामले की छानबीन पूरी होने पर मामले का चालान थाना अधिकारी द्वारा अदालत में दायर किया था।

इस मामले में अभियोजन पक्ष ने अदालत में 22 गवाहों के ब्यान कलम बन्द करवाए थे। इस मामले में अभियोजन पक्ष की तरफ से मामले की पैरवी विनोद भारद्वाज, जिला न्यायवादी मण्डी और नितिन शर्मा उप-जिला न्यायवादी मण्डी द्वारा की गयी। अभियोजन एवं बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद अदालत द्वारा आरोपी अन्चल कुमार निवासी सारनु डाकघर व तहसील शाहपुर जिला काँगड़ा, हिमाचल प्रदेश द्वारा 1.989 किलोग्राम चरस रखने का अपराध, संदेह से परे सिद्ध पाया गया और दोषी को एन डी पी एस अधिनियम के तहत सजा सुनाई गयी।