80 प्रतिशत सब्सिडी पर ऋण देगी सरकार
भगवंत मान ने किसानों से अधिकतम लाभ उठाने की अपील की
Stubble Burning Problem (आज समाज), चंडीगढ़ : धान के अवशेषों को खेत में जलाने से रोकने के लिए प्रदेश सरकार लगातार प्रयासरत्त है। इसके लिए सरकार जहां प्रदेश के किसानों से सब्सिडी पर मशीनरी मुहैया करवाने में युद्ध स्तर पर प्रयास कर रही है। वहीं अब प्रदेश सरकार ने एक और बड़ा फैसला लेते हुए प्रदेश के किसानों को फसल अवशेषों का उचित प्रबंध करने के लिए उन्हें 80 प्रतिशत तक सब्सिडी पर ऋण मुहैया करवाने की पेशकश की है।
दरअसल यह स्कीम प्रदेश सरकार ने पराली जलाने से उत्पन्न खतरे से निपटने की प्रतिबद्धता के तहत चलाई है। जिसे पंजाब के सहकारी बैंकों ने ‘फसली अवशेष प्रबंधन ऋण योजना’ के नाम से शुरू किया है। मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि यह योजना पराली जलाने से होने वाले पर्यावरणीय प्रदूषण को कम करने में सहायक सिद्ध होगी। उन्होंने यह भी कहा कि यह योजना किसानों को फसली अवशेषों के प्रबंधन का विकल्प चुनने के लिए प्रोत्साहित करने में सहायक होगी। भगवंत सिंह मान ने किसानों की भलाई को हर संभव तरीके से सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता को दोहराते हुए किसानों से इस योजना का लाभ उठाने की अपील की।
प्रदेश के 802 सहकारी बैकों में उपलब्ध होगी सुविधा
इस बारे में जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को फसली अवशेषों के उचित प्रबंधन के लिए मशीनरी खरीदने के लिए आसानी से ऋण उपलब्ध कराना है, ताकि पराली जलाने से होने वाले पर्यावरणीय प्रदूषण को रोका जा सके। उन्होंने बताया कि यह योजना राज्य सहकारी बैंक चंडीगढ़ और जिला सहकारी बैंकों की 802 शाखाओं में शुरू की गई है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि किसान सरल और आसान प्रक्रिया के माध्यम से इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण इलाकों की प्राथमिक कृषि सहकारी सभाओं (पीएसी) और अन्य प्रगतिशील किसान इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्राथमिक कृषि सहकारी सोसायटियां या अन्य संस्थान कॉमन हायरिंग सेंटर (सी.एच.सी.) योजना के तहत कृषि उपकरणों की खरीद पर 80 प्रतिशत सब्सिडी का लाभ ले सकते हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इसी तरह प्रगतिशील किसान फसली अवशेष प्रबंधन के लिए बेलर और सुपरसीडर जैसे कृषि उपकरणों की खरीद पर 50 प्रतिशत सब्सिडी के पात्र होंगे।
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