दिल्ली पहुंची ममता बनर्जी

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आज कर सकती हैं सपा अध्यक्ष अखिलेश व आप प्रमुख केजरीवाल से मुलाकात
आज समाज डिजिटल:
नई दिल्ली। पेगासस के जरिए जासूसी के खुलासे के बाद सियासी गहमागहमी के बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दिल्ली पहुंच गई हैं। ममता बनर्जी के दिल्ली पहुंचते ही राजधानी का सियासी तापमान बढ़ गया है। कहा जा रहा है कि ममता बनर्जी की यह दिल्ली दौरा विपक्षी दलों की एकजुट करने की कोशिश के लिए है।
दरअसल, ममता बनर्जी ने सोमवार को पेगासस मामले की जांच के लिए राज्य में एक कमीशन बनाया है। कोलकाता हाईकोर्ट के जस्टिस मदन भीमराव और पूर्व चीफ जस्टिस ज्योतिर्मय भट्टाचार्य को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। भारत सरकार मामले की जांच कराने से इनकार कर चुकी है। दुनिया में फ्रांस इकलौता देश है, जो जासूसी कांड की जांच करा रहा है। ममता ने कहा कि बंगाल पहला राज्य बन गया है, जो जासूसी कांड की जांच करेगा। हमें उम्मीद थी कि केंद्र इस मामले में कोई सख्त कार्रवाई करेगा या सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच होगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। तदोपरांत ममता बनर्जी 5 दिनों के दौरे पर सोमवार शाम करीब 5.30 बजे दिल्ली पहुंची। उनके यहां यहां विपक्ष के नेताओं से मुलाकात करेंगी। ममता बनर्जी भतीजे अभिषेक बनर्जी के घर विपक्ष के नेताओं की टी पार्टी बुला सकती हैं। ममता की इस कवायद को भाजपा के खिलाफ शक्तिशाली मोर्चा बनाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। ममता ने अपने दिल्ली दौरे की जानकारी खुद 22 जुलाई को दी थी। ममता ने कहा था कि अगर राष्ट्रपति से वक्त मिला तो उनसे मुलाकात करूंगी। प्रधानमंत्री से 28 जुलाई को मिलने का समय मिला है। 27 मई को ममता समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिल सकती हैं। उनके कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मिलने का प्रोग्राम है। लेकिन अभी समय तय नहीं हुआ है।
बंगाल चुनाव के बाद पहली बार मोदी-ममता का होगा सामना
बंगाल चुनाव के बाद ममता और मोदी का पहली बार आमना-सामना होगा। एक और खास बात यह है कि ममता की मोदी से मुलाकात ऐसे समय होने जा रही है जब ममता पेगासस जासूसी विवाद और मीडिया हाउसेज पर रेड जैसे मुद्दों को लेकर केंद्र सरकार पर हमलावर हैं।
ट्रैक्टर लेकर संसद पहुंचे राहुल गांधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी सोमवार को ट्रैक्टर लेकर संसद पहुंचे। मॉनसून सत्र में हिस्सा लेने पहुंचे राहुल गांधी ने कहा कि मैं किसानों का संदेश लेकर संसद आया हूं। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की आवाज को दबा रही है और उनके मुद्दों पर संसद में चर्चा नहीं होने दे रही। तीन नए कृषि कानूनों को लेकर राहुल गांधी ने कहा कि ये काले कानून हैं और सरकार को इन्हें वापस लेना ही होगा। पूरा देश यह जानता है कि ये कानून देश के 2 से 3 कारोबारियों को ही फायदा पहुंचाने वाले हैं। कांग्रेस नेता ने सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि सरकार के मुताबिक किसान काफी खुश हैं। संसद के बाहर प्रदर्शन कर रहे लोग आतंकवादी है। लेकिन हकीकत में किसानों के अधिकारों को छीना जा रहा है।