एजेंसी ,इंदौर (मध्यप्रदेश)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने एनआरसी को लेकर शुरु से ही अपने तेवर कड़े रखे हैं। उन्होंने कहा है कि किसी भी कीमत पर बंगाल में एनआरसी लागू नहीं होने देंगे। अब भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने एनआरसी और नागरिकता संशोधन बिल पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के तेवरों पर तंज कसा और कहा कि तृणमूल कांग्रेस प्रमुख बांग्लादेश की मुख्यमंत्री नहीं हैं। विजयवर्गीय ने संवाददाताओं से कहा, “मुझे पता नहीं कि बनर्जी ने भारत का संविधान पढ़ा भी है या नहीं? भारत में संघीय ढांचे के तहत केंद्र और राज्य सरकारें अपनी जिम्मेदारियों का अलग-अलग निर्वहन करती हैं। नागरिकता के संबंध में कानून बनाकर इसे संसद में पारित करना केंद्र सरकार का काम है। पश्चिम बंगाल के प्रभारी भाजपा महासचिव ने कहा, “संघीय ढांचे में बनर्जी भला कैसे कह सकती हैं कि वह इस कानून (नागरिकता संशोधन विधेयक) को पश्चिम बंगाल में लागू नहीं होने देंगी। वह पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री हैं, बांग्लादेश की नहीं। बनर्जी ने सोमवार को खड़गपुर में एक रैली में कहा था, ह्लएनआरसी और नागरिकता विधेयक से डरने की कोई जरूरत नहीं है। हम इसे पश्चिम बंगाल में कभी भी लागू नहीं करेंगे।
वे इस देश के किसी वैध नागरिक को बाहर नहीं फेंक सकते, न ही उसे शरणार्थी बना सकते हैं। भाजपा महासचिव ने बनर्जी पर व्यंग्य करते हुए कहा, “यदि इस तरह के बचकाना बयान कोई मुख्यमंत्री देता है, तो उसके सामान्य ज्ञान पर सिर्फ हंसा जा सकता है।” विजयवर्गीय ने यह भी कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक के लोकसभा में पारित होने के साथ ही देश की जनता के सामने भाजपा के विपक्षी दलों के चेहरे भी बेनकाब हुए हैं जो तथाकथित धर्मनिरपेक्षता के नाम पर सत्ता की कुर्सी से चिपके हुए थे। इसके अलावा विजयवर्गीय ने कांग्रेस को भी आड़े हाथों लिया और कहा कि “धर्मनिरपेक्षता का राग अलापने वाली कांग्रेस ने इस विधेयक का पूरी ताकत से विरोध किया है। अब आप कांग्रेस की धर्मनिरपेक्षता देखिये कि केरल में वह मुस्लिम लीग से समझौता करती है, तो महाराष्ट्र में शिवसेना से हाथ मिलाकर सरकार बनाती है।”