Mallikarjun Kharge On Kumbh Stampede, अजीत मेंदोला, (आज समाज), नई दिल्ली: सनातन धर्म की आस्था से जुड़े महाकुंभ पर राजनीति कर कांग्रेस एक बार फिर गलत ट्रेक पर चली गई। इससे यही संदेश जा रहा है कि कांग्रेस मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति अब भी खुल कर रही है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे तो मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति करने में पुराने सभी अध्यक्षों को पीछे छोड़ते जा रहे हैं। अभी हाल की घटनाएं देखें तो खरगे ने पहले महाकुंभ के स्नान पर बेवजह टिप्पणी की और अब बजट सत्र में कह डाला कि महाकुंभ में हजारों मर गए।
सदन की मर्यादा तक भूल रहे कांग्रेस अध्यक्ष
खरगे संसद के अंदर- बाहर कब क्या बोल जाएं समझ से परे होता जा रहा है। वह सदन की मर्यादा तक भूल रहे हैं। दूसरे नेता बोलें तो समझ में आता है लेकिन 50 साल से भी ज्यादा समय से राजनीति कर चुके खरगे बोलें तो हैरानी होना स्वाभाविक है। वह भी तब जब कि खरगे जानते हैं कि मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति से कांग्रेस हाशिए पर चली गई। इनकी देखा देखी सपा नेत्री जया भादुड़ी बच्चन तो ऐसा दावा कर रही हैं जैसे वह मौके पर मौजूद थी।
लाशें गंगा जी में बहा दी गई : जया बच्चन
जया भादुड़ी बच्चन ने कहा लाशें गंगा जी में बहा दी गई। जया बच्चन की पार्टी सपा तो मुस्लिम राजनीति के भरोसे ही चल रही है, इसलिए उन्होंने भी यूपी की राजनीति गरमाने के लिए बयान दे विवाद खड़ा करने की कोशिश की। खरगे और जया बच्चन जैसे नेता सोशल मीडिया के जमाने में इस तरह की बातें कर एक तरह से केवल और केवल हिन्दू धर्म की आस्था पर चोट कर रहे हैं।ज बकि आम जन मान रहा है कि कुंभ का आयोजन शानदार रहा।
हर तरफ मौजूद था देश-विदेश का मीडिया
रही बात भगदड़ में मरने वालों की और छिपाने की तो आज के समय कुछ भी नहीं छिपता। वह भी तब जब इस तरह के आयोजन को कवर करने के लिए मौके पर केवल भारतीय मीडिया ही नहीं, बल्कि देश विदेश का मीडिया भी हर तरफ मौजूद था। माना कि भारतीय मीडिया को सरकार ने मैनेज कर लिया होगा, लेकिन विदेशी मीडिया पर तो भारत सरकार का कोई अंकुश नहीं है।
विदेशी मीडिया पर तो भरोसा करें कांग्रेस व विपक्ष
कांग्रेस और विपक्ष के नेताओं को अगले दिन के विदेशी मीडिया में प्रकाशित खबरें या दिखाई जाने वाली खबरों पर तो भरोसा करना चाहिए था। उन्होंने बिना दबाव के खबरें दिखाई होंगी। एक भी विदेशी मीडिया ने मरने वालों की संख्या सैकड़ों में नहीं बताई। जया भादुड़ी बच्चन कहती हैं गंगा जी में लाशें बहा दी गई। बड़ा हैरान करने वाला बयान है। जया बच्चन को प्रयागराज जाकर देखना चाहिए था कि गंगा जमुना के तटों के दोनों तरफ कई किलो मीटर तक जनता की भीड़ हमेशा रहती है। फिर उनकी पार्टी समाजवादी पार्टी या कांग्रेस के लोग गंगा में बहते शवों को सोशल मीडिया में वायरल करने में एक मिनट की भी देरी नहीं करते।
सफल कुंभ के आयोजन से बौखला गया है विपक्ष
खरगे और जया भादुड़ी बच्चन को लगता है कि सनातनियों की सरकार शव बहाने या गायब करने जैसा घृणित काम कर सकती है। विपक्ष के इस तरह के दावे के दो मतलब निकलते हैं। पहला विपक्ष सफल कुंभ के आयोजन से बौखला गया है या फिर वह मुस्लिम वोटरों को साधने के लिए बयान दे रहा है। मौनी अमावस्या के दिन जो कुछ प्रयागराज में घटा बहुत ही दुखद था। लेकिन यह कहना कि हजारों लोग मारे गए बहुत ही निंदनीय है। क्योंकि उस दिन जिस तरह की भीड़ प्रयाग राज में उमड़ी वह अकल्पनीय थी।
स्नान करने पहुंचे थे 8-10 करोड़ श्रद्धालु
एक अनुमान है कि मौनी अमावस्या पर 8 से 10 करोड़ श्रद्धालु नहाने के लिए पहुंचे थे। इतनी भीड़ को काबू करना अपने आप में बड़ी चुनौती थी। योगी सरकार ने व्यवस्था में कोई कमी नहीं रखी थी। लेकिन जो नहीं होना चाहिए था आखिर वह घट गया। कुंभ में अमूमन भगदड़ का ही खतरा ज्यादा रहता है, क्योंकि इससे पूर्व के अधिकांश कुंभ भगदड़ से बच नहीं पाए थे। पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू से लेकर अब तक जिन जिन प्रधानमंत्री के कार्यकाल में कुंभ हुए उनमें से अधिकाशं में भगदड़ की घटनाएं घटी हैं।
प्रशासन ने हालात ज्यादा बिगड़ने से बचा लिया
आज टेक्नोलॉजी के जमाने में जब हर व्यक्ति की गतिविधि पर नजर रखी जा रही थी। कोने-कोने पर सुरक्षा कर्मी तैनात थे। इसके बाद घटना घटी जरूर लेकिन प्रशासन ने हालात को ज्यादा बिगड़ने से बचा लिया। मीडिया भी मौके पर मौजूद था।पूरी दुनिया में महाकुंभ की चर्चा है।आखिर कैसे इतनी भीड़ को काबू किया।सनातन धर्म पर पूरी दुनिया चर्चा कर रही ।सफल कुंभ आयोजन के लिए भारत देश की सराहना हो रही है। ऐसे में विपक्ष सवाल उठा क्या साबित करना चाहता है समझ से परे है।कांग्रेस ऐसे ही चलती रही तो पार्टी का फिर खड़ा होना मुश्किल हो जाएगा।
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