Maldives India Meeting: मालदीव से सैनिक लौटेंगे, बदले में वहां सिविलयंस तैनात करेगा भारत

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Maldives India Meeting
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।

Aaj Samaj (आज समाज), Maldives India Meeting, माले/नई दिल्ली: भारत और मालदीव के बीच परस्पर व्यावहारिक समाधान पर सहमति बन गई है, जिससे इंडिया आउट का नारा देने वाले मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के मंसूबे कामयाब नहीं हो पाए हैं। दोनों देशों के बीच शुक्रवार को नई दिल्ली में हुई उच्च स्तरीय बैठक में मालदीव से भारतीय सैनिकों की वापसी को लेकर औपचारिक सहमति बनी, लेकिन इसके साथ ही दोनों पक्षों के बीच यह भी निर्णय हुआ है कि भारतीय सैनिक मालदीव से वापस आएंगे और उनके बदले भारत वहां सिविलयंस की तैनाती करेगा। मतलब भारत अपने सैनिक बुला लेगा और उनके बदले वहां असैनिकों को तैनात करेगा।

दिल्ली में हुई दोनों देशों के कोर समूह की बैठक : मालदीव

मालदीव के विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि भारत इस द्वीपीय देश में तीन विमानन प्लेटफॉर्म में अपने सैन्यकर्मियों को बदलेगा और इस प्रक्रिया का पहला चरण 10 मार्च तक पूरा किया जाएगा। शुक्रवार को दोनों देशों के कोर समूह की बैठक दिल्ली में संपन्न हुई, जिसमें मुख्य रूप से मालदीव से भारतीय सैन्यकर्मियों को वापस बुलाने के विषय पर चर्चा हुई।

पारस्परिक रूप से व्यावहारिक समाधानो पर बनी सहमति : भारत

भारत ने कहा कि भारतीय विमानन प्लेटफार्मों के संचालन को जारी रखने के लिए मालदीव के साथ पारस्परिक रूप से व्यावहारिक समाधानो पर सहमति बनी है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि बैठक में दोनों पक्ष भारतीय विमानन प्लेटफार्मों के निरंतर संचालन को सक्षम करने के लिए पारस्परिक रूप से व्यावहारिक समाधानों के एक सेट पर सहमत हुए जो मालदीव के लोगों को मानवीय और चिकित्सा निकासी सेवाएं प्रदान करते हैं। इस बयान में कहा गया है कि दोनों पक्षों ने मौजूदा विकास सहयोग परियोजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी लाने पर चर्चा की। इसके अलावा दोनों देशों ने आपसी साझेदारी को बढ़ाने के कदमों की पहचान करने की दिशा में द्विपक्षीय सहयोग से संबंधित व्यापक मुद्दों पर चर्चा जारी रखी।

मुइज्जू ने 15 मार्च तक सैनिकों को वापस बुलाने के लिए कहा था

पिछले महीने मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू ने भारत से अपने सैनिकों को 15 मार्च तक वापस बुलाने के लिए कहा था। विवादास्पद मुद्दे का हल निकालने के लिए दोनों पक्षों के बीच दिल्ली में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई थी।

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