नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़ :
नांगल सिरोही के राजकीय कन्या उच्च विद्यालय में 25 अप्रैल सोमवार को मलेरिया दिवस मनाया गया । इस कार्यक्रम की अध्यक्षता स्कूल के हेडमास्टर तिलकराज ने की । स्वास्थ्यकर्मी अनिल रसूलपुरिया ने बताया कि हर वर्ष 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है। मलेरिया बुखार के कारण, बचाव व सावधानियों के बारे में बताते हुए कहा कि मलेरिया बुखार मादा एनाफ्लिज मच्छर के काटने से होता है जो गन्दे पानी जैसे गली की नालियों, गन्दे पानी के गड्डो, घर के आंगन में पड़ा गन्दा पानी, किसी बर्तन में पड़ा रुका गन्दा पानी में अपना जीवन चक्कर पूरा करता है।
कहीं पर भी गंदा पानी जमा न होने दें
इसके बचाव के लिए हमे अपने घरों में रखे पानी की टंकियों, कूलर, फ्रिज की ट्रे,पानी के मटकों, एवम छत पर पड़े टायरों की जांच कर मलेरिया के लार्वा को खत्म करना चाहिए। बारिश के दिनों में मलेरिया डेंगू आदि बीमारियों का प्रकोप ज्यादा हो जाता है। अतः बच्चों को बताया गया कि इन दिनों में अपनी टंकी, कूलर, मटके, फ्रिज की ट्रे आदि को सप्ताह में एक बार अवश्य साफ कर सूखा लें। इसके अलावा छत पर पड़े टायरों के खोल में बारिश का पानी भरने से उनमें मलेरिया के मच्छर पनप सकते हैं जिस से की बीमारी ज्यादा होने का खतरा बना रहता है। अतः उनको या तो उठा दें या साफ रखें।
रात को सोते वक्त मच्छरदानी का प्रयोग करें
स्वास्थ्यकर्मी अनिल रसूलपुरिया ने मलेरिया बुखार के लक्षण बताते हुए कहा कि इसमे सर्दी के साथ बुखार होना, बदन दर्द, पसीने की अवस्था आदि हैं। मरीज को बेचैनी होती है। इसलिए बुखार होने पर तुरंत नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र जाकर रक्त पट्टिका बनवाकर लेब में भिजवाना सुनिश्चित करें । पैरा सीटा मोल की गोली ले । सिर पर ठंडी पट्टी रखे । रात को सोते वक्त मच्छरदानी का प्रयोग करें। मच्छर मार दवाई का छिड़काव करें। अपने घर के खिड़की, दरवाजों पर जाली लगवाएं। खाश करके गर्भवती महिलाओं व छोटे बच्चों को मच्छरों के काटने से बचाना चाहिए क्योंकि इन दोनों अवस्थाओं में बीमारी के ज्यादा प्रकोप होने के चांस होते हैं। इस मौके पर अध्यापिका अनिता देवी, नागर सिंह अध्यापक, बलवान सिंह ड्राइंग अध्यापक, कंप्यूटर टीचर रोहित सोनी, प्रवीण, मायादेवी आदि उपस्थित रहे।
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