विनम्रता में जीने की आदत डालो

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jain muni tarun sagar
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खुशहाल जीवन का रहस्य: हाथ जोड़कर रहो, हाथ बांधकर नहीं

जैन मुनि सागर
जिंदगी में अच्छे लोगों की तलाश मत करो, खुद अच्छे बन जाओ। आपसे मिलकर शायद किसी की तलाश पूरी हो जाए। आप सीधे रास्ते चलोगे लोग तब भी कुछ कहेंगे, बेवजह कहेंगे, बेकार की बातें कहेंगे और बार-बार कहेंगे। इसलिए जरूरी है कि सुनने की आदत डालो और अपना काम सहज भाव से करते रहो। याद रखना कि जिंदा आदमी ही मुस्कुराएगा, मुर्दा कभी नहीं मुस्कुराता और कुत्ता चाहे तो भी मुस्कुरा नहीं सकता, हंसना तो सिर्फ मनुष्य के भाग्य में ही है। इसीलिए जीवन में सुख आए तो हंस लेना, लेकिन दुख आए तो हंसी में उड़ा देना। लक्ष्मी पूजा के काबिल तो है लेकिन भरोसे के काबिल कतई नहीं है। लक्ष्मी की पूजा तो करना मगर लक्ष्मी पर भरोसा मत करना क्योंकि लक्ष्मी स्थिर नहीं है। ङ्घऔर भगवान की पूजा भले ही मत करना लेकिन भगवान पर भरोसा हर-हाल में रखना। क्योंकि वह सदैव अपने भक्त का ध्यान रखते हैं।  तुम्हारी वजह से जीते जी किसी की आंखों में आंसू आए तो यह सबसे बड़ा पाप है। लोग मरने के बाद तुम्हारे लिए रोए, यह सबसे बड़ा पुण्य है। बातचीत जरूरी है लेकिन ग्रहस्थ जीवन में कभी तर्क नहीं करने चाहिए। क्योंकि जहां तर्क है, वहां नर्क है और जहां समर्पण है, वहां स्वर्ग है। अमीर होने के बाद भी यदि लालच और पैसों का मोह हैं, तो उससे बड़ा गरीब और कोई नहीं हो सकता। प्रत्येक व्यक्ति लाभ की कामना करता हैं, लेकिन उसके विपरीत शब्द अर्थात भला करने से दूर भागता हैं। जिंदगी में माँ, महात्मा और परमात्मा से बढ़कर कुछ भी नहीं हैं जीवन में तीन आशीर्वाद जरुरी हैं – बचपन में माँ का, जवानी में महात्मा का और बुढ़ापे में परमात्मा का।

माँ बचपन को संभाल देती हैं, महात्मा जवानी सुधार देता हैं और बुढ़ापे को परमात्मा संभाल लेता हैं।  डॉक्टर और गुरु के सामने झूठ मत बोलिए क्योकि यह झूठ बहोत महंगा पड़ सकता हैं। गुरु के सामने झूठ बोलने से पाप का प्रायश्चित नहीं होंगा, डॉक्टर के सामने झूठ बोलने से रोग का निदान नहीं होंगा। डॉक्टर और गुरु के सामने एकदम सरल और तरल बनकर पेश हो, आप कितने भी होशियार क्यों न हो तो भी डॉक्टर और गुरु के सामने अपनी होशियारी मत दिखाना, क्योंकि यहाँ होशियारी बिलकुल काम नहीं आती। भले ही लड़ लेना – झगड़ लेना, पिट जाना – पिट देना, मगर बोल चाल बंद मत करना क्योकि बोलचाल के बंद होते ही सुलह के सारे दरवाजे बंद हो जाते हैं।  कभी तुम्हारे माँ – बाप तुम्हें डाट दे तो बुरा मत मानना बल्कि सोचना – गलती होने पर माँ – बाप नहीं डाटेंगे तो और कौन डाटेंगे, और कभी छोटे से गलती हो जाये तो यह सोचकर उन्हें माफ कर देना की गलतियां छोटे नहीं करेंगे तो और कौन करेंगा। न तो इतने कड़वे बनो की कोई थूक दे, और ना तो इतने मीठे बनो की कोई निगल जाये। विनम्रता में जीने की आदत डालो। हाथ जोड़कर रहो, हाथ बांधकर नहीं। यही खुशहाल जीवन का रहस्य है। क्योंकि समर्पण जीवन में खुशहाली लाता है।  

हर सवाल का जवाब देना जरूरी नहीं होता। सामनेवाला चिल्ला रहा है, गुस्सा कर रहा है तो आप शांत रहिए। वह आपे में नहीं है तो आप अपना रिमोट अपने हाथ में रखिए। अगर तुम्हारी वजह से कोई इ्ंसान दुखी रहे तो समझ लो ये तुम्हारे लिए सबसे बड़ा पाप है, ऐसे काम करो कि लोग तुम्हारे जाने के बाद दुखी होकर आसूं बहाए तभी तुम्हें पुण्य मिलेगा। गुलाब कांटों में भी हंसता है इसलिए लोग उसे प्रेम करते हैं, तुम भी ऐसे काम करो कि तुमसे नफरत करने वाले लोग भी तुमसे प्रेम करने पर विवश हो जायें। इंसान को आप दिल से जीतो तभी आप सफल हैं, तलवार के बल पर आप जीत हासिल कर सकते हैं लेकिन प्यार नहीं पा सकते हैं। अपने अंदर इंसान को सहनशक्ति पैदा करनी चाहिए क्योंकि जो सहता है वो ही रहता है, जो नहीं सहता वो टूट जाता है। पूरी दुनिया को आप चमड़े से ढ़क नहीं सकते हैं लेकिन आप अगर चमड़े के जूते पहनकर चलेंगे तो दुनिया आपके जूतों से ढ़क जायेगी, यही जीवन का सार है। जीवन में शांति पाने के लिए क्रोध पर काबू पाना सीख लो। जिसने जीवन से समझौता करना सीख लिया वह संत हो गया। वर्तमान में जीने के लिए सजग और सावधान रहने की आवश्यकता है।