Major decisions taken for the benefit of farmers, freedom for farmers from binding laws: किसानों के हित के लिए हुए बड़े फैसले, बंधन डालने वाले कानूनों से किसान को मिली मुक्ति, अनाज, तेल, दाल, प्याज, आलू अब आवश्यक वस्तु अधिनियम से बाहर

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नई दिल्ली। कैबिनेट की बैठक बुधवार को पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर नेजानकारी दी कि किसानों के हित के लिए आवश्यक वस्तु कानून मेंसुधार किया गया है। किसानों की 50 साल पुरानी मांगे पुरी हुई है। आज बैठक में आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन मंजूरी मिली। अनाज, तेल, तिलहन, दाल, प्याज, आलू आदि को इससे बाहर कर दिया गया है। अब किसान मर्जी के अनुसार निर्यात और भंडारण कर सकेंगे। जब देश मे अनाज पर्याप्त मात्रा में नहीं होता था तब कानून बने थे। आज देश में अनाज की कोई समस्या नहीं हैं। देश में भरपूर उत्पादन हो रहा है। इसलिए किसानों पर बंधन डालने वाले कानूनों की आवश्यकता नहीं है। पहले शक्कर राशन की दुकानों में सस्ती मिले इसके लिए शक्कर पर लेवी होती थी। अभी भी ऐसे प्रावधान हैं कि कीमतें बढ़ती हैं तो किसानों पर बंधन होती है। आवश्यक वस्तु अधिनियम की लटकती तलवार ने निवेश, निर्यात को रोका। आज इसे खत्म किया गया है। इसका परिणाम होगा कि किसानों अच्छी कीमत मिलेगी। जावड़ेकर ने कहा, ”एग्रीकल्चर प्रोड्युसर मार्केट कमेटी के बंधन से किसान आजाद हुआ है। कहीं भी उत्पाद बेचने और ज्यादा दाम देने वाले को बेचने की आजादी मिली है किसान को। वन नेशन वन मार्केट की दिशा में हम आगे बढ़े हैं।’ कोई निर्यातक प्रोसेसर है, तो उसको कृषि उपज दोनों आपसी समझौते के तहत बेचने की सुविधा मिली है, जिससे सप्लाई चेन खड़ी होगी। भारत में पहली बार ऐसा किया गया है।’ कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन के सहित उनके हित में तीन अध्यादेशों को मंजूरी दी गई है। यह किसानों के लिए ऐतिहासिक दिन है।