Aaj Samaj (आज समाज), Mahua Moitra, नई दिल्ली: तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की नेता महुआ मोइत्रा की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। लोकसभा सदस्यता रद होने के बाद उन्हें 30 दिन के भीतर सरकारी आवास खाली करने का नोटिस भेजा गया है। कैश-फॉर-क्वेरी के आरोपों में पिछले सप्ताह शुक्रवार को लोकसभा सचिवालय ने उन्हें निचले सदन से निष्कासित करने की घोषणा की थी। इसके बाद, मोइत्रा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर अपने निष्कासन को चुनौती दी है। कैश-फॉर-क्वेरी के आरोपों में उन्हें अपने हित को आगे बढ़ाने के लिए एक व्यवसायी से उपहार और अवैध धन का लाभ लेने की स्वीकारोक्ति का दोषी ठहराया गया था।
8 दिसंबर, 2023 से लोकसभा की सदस्य नहीं
सदन ने अपनी आचार समिति की एक रिपोर्ट को अपनाते हुए मोइत्रा को सरकारी आवास खाली करने का नोटिस दिया है। अधिसूचना में कहा गया कि 8 दिसंबर, 2023 को लोकसभा द्वारा निष्कासित करने के प्रस्ताव को अपनाने के परिणामस्वरूप, महुआ मोइत्रा, पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर संसदीय क्षेत्र से लोकसभा की सदस्यता से निर्वाचित सदस्य हैं। महुआ मोइत्रा 8 दिसंबर, 2023 की दोपहर से लोकसभा की सदस्य नहीं रहेंगी।
प्रल्हाद जोशी ने पेश किया निष्कासित करने के लिए प्रस्ताव
पैनल की रिपोर्ट पर तीखी बहस के दौरान मोइत्रा को बोलने की अनुमति नहीं दी गई, संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने ‘अनैतिक आचरण’ के लिए तृणमूल सदस्य को निष्कासित करने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया, जिसे ध्वनि मत से पारित कर दिया गया। इसके बाद तृणमूल नेता ने लोकसभा के बाहर अपना बयान पढ़ा था। उन्होंने कहा कि एथिक्स कमेटी ने हर नियम तोड़ा है।
महुआ मोइत्रा ने कहा, इस लोकसभा ने संसदीय समिति के हथियारीकरण को भी देखा है। विडंबना यह है कि आचार समिति, जिसे सदस्यों के लिए एक नैतिक दिशा-निर्देश के रूप में स्थापित किया गया था, आज इसका घोर दुरुपयोग किया जा रहा है, ठीक वही करने के लिए जो इसे कभी नहीं करना था। इसका उपयोग विपक्ष को कुचलने के लिए और हमें समर्पण के लिए कुचलने का एक और हथियार बनाने के लिए किया जा रहा है।
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