Aaj Samaj (आज समाज), Mahila Kisan Goshthi, पानीपत : चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान केन्द्र ऊझा पानीपत में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के 95वें स्थापना और प्रौद्योगिकी दिवस के अवसर पर महिला किसान गोष्ठी का आयोजन किया। जिसमें जिले भर से 105 महिला किसानों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य से द्वारा विकसित की गई तकनीकों को साँझा करना था ताकि किसानों को इसका लाभ मिले वह उनकी आजीविका में सुधार हो। इस अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ संयोजक डॉ राजबीर गर्ग ने बताया कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, कृषि का उच्च स्तरीय स्थान है। हर वर्ष 16 जुलाई को भारतीय कृषि की अनुसंधान परिषद के स्थापना दिवस के उपलक्ष्य पर देश भर में कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
- जिले भर से 105 महिला किसानों ने लिया भाग
नई नई तकनीकों के बारे में जागरूक किया जाएगा
इस बार यह दिवस 16 जुलाई से 18 जुलाई तक एक उत्सव के रूप में मनाया जाएगा। प्रत्येक दिन किसानों को कृषि के क्षेत्र में विकसित नई नई तकनीकों के बारे में जागरूक किया जाएगा। उन्होंने बताया कि आज के.वी.के. द्वारा महिला किसान गोष्ठी का आयोजन किया है। जैसा कि हम जानते हैं कि कृषि के क्षेत्र में महिलाओं का विशेष योगदान है ख़ासकर पशुपालन से संबंधित सभी गतिविधियां महिलाओं द्वारा की जाती है। इसलिए यह ज़रूरी है कि महिलाओं को डेयरी व्यवसाय के बारे में जागरूक करें व उनके अनुभवों को समझें। हरियाणा प्रांत का पशु पालन में एक विशेष स्थान है। यहाँ अच्छी अच्छी नस्ल की गाय और भैंसें पाई जाती है। उसी का परिणाम है कि हम प्रति व्यक्ति प्रतिदिन दूध उपलब्धता में देश में प्रथम स्थान रखते हैं। उन्होंने सभी महिला किसानों से अपील की, कि वे पशुओं को संतुलित आहार दें और खनिज लवण को पशुओं की खानपान का हिस्सा ज़रूर बनाएँ, ताकि पशुओं को बीमारियों से बचाया जा सके व दूध उत्पादन में बढ़ोतरी हो सके।
महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण में डेयरी व्यवसाय का विशेष स्थान
इस मौके पर उन ग्राम पंचायत ऊझा की सरपंच रेणु रावल ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। उन्होंने महिला सशक्तिकरण पर प्रकाश डालते हुए बताया कि आज हमें आर्थिक, राजनीतिक व सामाजिक रूप से सशक्त होने की ज़रूरत है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर हर कार्य करती है। महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण में डेयरी व्यवसाय एक विशेष स्थान रखता है परंतु इसमें भी हमें जरूरत है कि हम वैज्ञानिक तरीके से डेयरी व्यवसाय को अपनाएं ताकि हमारी आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके।
इस योजना के लिए पंजीकरण करवायें
इस अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. सतपाल सिंह ने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए पशुधन किसान क्रेडिट योजना शुरू की गई है। जिसमें 1 लाख 60 हज़ार रुपये तक का लोन बिना किसी गारंटी के बिना कुछ गिरवी रख दिया जाता है। अगर पशुपालक समय पर इस लोन का भुगतान करता है तो मात्र 4 प्रतिशत ब्याज दर पर राशि मुहैया करवाई जाती है। अधिकतम 3 लाख रुपये तक 4 प्रतिशत की दर से लोन दिया जाता है। उन्होंने सभी महिला किसानों से अपील की कि वे निकटतम पशु अस्पताल या बैंक में जाकर इस योजना के लिए पंजीकरण करवायें। इस मौके पर केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. सुनील कुमार द्वारा कृषि विज्ञान केंद्र के फार्म पर प्रदर्शित तकनीकों का प्रतिभागियों को भ्रमण करवाया व विस्तार से बताया। जिसमें धान की सीधी बिजाई, वर्मी कम्पोस्ट यूनिट आदि प्रमुख गतिविधियाँ थी। उन्होंने इस अवसर पर उपस्थित सभी महिला किसानों का कार्यक्रम में पहुँचने पर आभार व्यक्त किया।