नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़:
पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा हरियाणा में स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट (एसएलसी) की अनिवार्यता समाप्त करने पर प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के सदस्यों ने कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है। महेंद्रगढ़ प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के प्रधान पवन तंवर ने बताया कि वैश्विक महामारी के चलते विद्यार्थियों को प्राइवेट से सरकारी विद्यालय में जाने के लिए एसएलसी की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया था। जिस पर प्राइवेट स्कूल एशोसिएशन ने कोर्ट में एक याचिका दायर कर याचिका के माध्यम से बताया कि बिना एसएलसी के अगर कोई विद्यार्थी स्कूल से जाता है तो उसकी बकाया फीस स्कूल नहीं ले पाएगा। जिससे स्कूलों को लाखों रूपए का नुकसान हो जाएगा। क्योंकि अनेक बच्चों की स्कूल में काफी फीस बकाया होती है स्कूल के पास सिर्फ एसएलसी ही एक मात्र जरिया है जिससे स्कूल संचालक अभिभावक से अपनी बकाया फीस वसूल सकता है।
इस याचिका पर संज्ञान लेते हुए 5 जुलाई को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने इस फैसले पर रोक लगा दी। प्रधान ने निर्णय लिया है कि अगर प्रांत स्तर पर किसी भी अधिकारी या स्कूल मुंख्याओं ने विद्यार्थियों को दाखिला बिना एसएलसी के दिया पाया गया तो ऐसे अधिकारियों व स्कूल मुख्याओं के विरूद्ध सख्त कारवाही की जाएगी। यह निर्णय प्रांत स्तर पर पर लिया गया है। एसोसिएशन ने अभिभावकों से भी अनुरोध किया है कि वे अपने बच्चों का दाखिला बिना एसएसली के ना करवाएं। क्योंकि बिना एसएलसी के दाखिला करवाने पर अभिभावकों को भविष्य में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।