नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़ :
राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का एक वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई घोषणाएं इसके क्रियान्वयन और सहभागियों पर अधिकतम लाभ पहुंचाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। मातृभाषा में इंजीनियरिंग की पढ़ाई, ग्रामीण इलाकों में प्ले स्कूलों की व्यवस्था आर्टिफिशियल इंटीलिजेंस फार आल, उच्च शिक्षा का अंतर्राष्ट्रीयकरण, नेशनल एजुकेशन टेक्नोलॉजी, एकेडमिक क्रेडिट आफ बैंक व नेशनल डिजिटल एजुकेशन आर्किटेक्चर ऐसी महत्त्वपूर्ण पहल हैं जोकि नई शिक्षा नीति के लक्ष्य को पाने में निर्णायक सिद्ध होंगी। यह विचार हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सम्बोधन में सहभागिता के बाद व्यक्त किए। शिक्षा मंत्रालय की ओर से आयोजित इस आनलाइन कार्यक्रम में विश्वविद्यालय की विभिन्न पीठों के अधिष्ठाताओं, विभागाध्यक्षों, प्रभारियों, शिक्षकों, अधिकारियों व कर्मचारियों सहित विद्यार्थियों व शोधार्थियों ने हिस्सा लिया।
विश्वविद्यालय कुलपति ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के प्रति प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय इस दिशा में निरंतर प्रयासरत है । उन्होंने प्रधानमंत्री के सम्बोधन में शुरू की गई प्रमुख पहलों में से एक निष्ठा का उल्लेख करते हुए कहा कि इसके माध्यम से प्राइमरी व माध्यमिक स्तर के शिक्षकों को मौजूदा समय के अनुरूप प्रशिक्षण मिलेगा और यह प्रशिक्षण स्कूली स्तर पर भारत के भावी पीढ़ी की नींव मजबूत करने में सहायक होगा। इसी तरह उन्होंने दिव्यांगजनों के लिए प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई सांकेतिक भाषा में पढ़ाई की योजना को भी अहम बताया और कहा कि अवश्य ही इससे इस श्रेणी में आने वाले विद्यार्थियों को लाभ प्राप्त होगा। कुलपति ने कोरोना काल में नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के संबंध में स्पष्ट किया कि इस संकट के बावजूद विश्वविद्यालय स्तर पर निरंतर कार्य जारी है और हमारी कोशिश है कि शिक्षा मंत्रालय के निदेर्शानुसार जल्द से जल्द नई शिक्षा नीति का लाभ विद्यार्थियों को पहुंचाया जाए।