- विश्वविद्यालय की समकुलपति प्रो. सुषमा यादव ने भी विद्यार्थियों का ध्यान भारत की विदेश नीति की महत्ता और उसके अध्ययन की ओर आकर्षित किया
(Mahendragarh News) महेंद्रगढ़। हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ के राजनीतिक विज्ञान विभाग द्वारा बुधवार को ‘भारत की विदेश नीति के बदलते आयाम‘ पर केंद्रित विशेषज्ञ व्याख्यान का आयोजन किया गया। आयोजन में राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर के डॉ. राजेश कुमार शर्मा मुख्य व्याख्याकर्ता के रूप में उपस्थित रहे। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने अपने संदेश में भारत की विदेश नीति के बदलते परिदृश्य एवं दुनिया में भारत की मजबूत होती साख का उल्लेख किया।
भारत की विदेश नीति में अमेरिका, चीन और रूस के साथ संबंध केंद्रीय
इसी क्रम में विश्वविद्यालय की समकुलपति प्रो. सुषमा यादव ने भी विद्यार्थियों का ध्यान भारत की विदेश नीति की महत्ता और उसके अध्ययन की ओर आकर्षित किया। कार्यक्रम विशेषज्ञ डॉ. राजेश कुमार शर्मा ने कहा कि एक उभरती हुई वैश्विक शक्ति के रुप में भारत की विदेश नीति विश्व मंच पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की अपनी आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करती है। भारत की विदेश नीति में अमेरिका, चीन और रूस के साथ संबंध केंद्रीय हैं। भारत ने समान विचारधारा वाले राष्ट्रों के साथ संबंधों को मजबूत करने और आर्थिक साझेदारियों को विविधिता देने की नीति अपनाई है। उन्होंने कहा कि ’पूर्व की ओर कार्य करो’ की नीति पर चलते हुए भारत ने दक्षिण पूर्वी एशियाई और पूर्व एशियाई देशों के साथ संबंध मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है।
आर्थिक पुनरुद्धार और आर्थिक श्रृंखलाओं के विविधिकरण ने भारत को ’मेक इन इंडिया’ जैसी पहलों के साथ एक विनिर्माण केंद्र के रूप में विस्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया
भारत हिन्द-प्रशांत रणनीति के माध्यम से एक खुले और समावेशी क्षेत्र की वकालत करता है जिसके द्वारा भारत सम्प्रभुता और अंतर्राष्ट्रीय कानून का सम्मान करने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। डॉ. शर्मा ने कहा कि आर्थिक कूटनीति भी भारत के लिए उतनी ही महत्वपूर्ण रही है। जिसके चलते महामारी के बाद आर्थिक पुनरुद्धार और आर्थिक श्रृंखलाओं के विविधिकरण ने भारत को ’मेक इन इंडिया’ जैसी पहलों के साथ एक विनिर्माण केंद्र के रूप में विस्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया है।
विभिन्न चुनौतियों के बावजूद भारत आज बहुआयामी दृष्टिकोण के कारण उभरती हुई शक्ति के रूप में, वैश्विक शांति, सुरक्षा और समृद्धि में योगदान करने और एक अधिक समावेशी विश्व व्यवस्था की वकालत करने की स्थिति में है। कार्यक्रम का मंच संचालन सुश्री किरण ने किया। कार्यक्रम के अंत में राजनीति विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. राजीव कुमार सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।
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