Mahendragarh News | नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़ | वेद प्रचार मंडल, आर्य समाज एवं महिला आर्य समाज के संयुक्त तत्वावधान में 31 जुलाई को आर्य समाज मुख्यालय महेंद्रगढ़ के प्रांगण में डॉक्टर प्रेम राज आर्य की अध्यक्षता में भारत माता के निडर अमर सपूत शहीद उधम सिंह की पुण्यतिथि पर यज्ञ करके उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि दी गई ।
इस अवसर पर डॉ. विक्रांत डागर मुख्य यजमान रहे।
इस दौरान कवि, गुरु बृहस्पति शास्त्री ने बताया की 1919 को अमृतसर में बैसाखी के दिन रॉल्ट एक्ट के विरोध के लिए एक सभा में उपस्थित लोगों पर जनरल डायर नामक अंग्रेज अधिकारी ने निहत्थे भारतीयों पर गोलियां चलवाई थी। जिसमे लगभग 1500 लोग मारे गए थे। जिन में बच्चे, महिलाएं और नौजवान पुरुष भी शामिल थे। इस दिल दहला देने वाली घटना को उधम सिंह ने अपने आंखों से देखा था।
जिससे उनको बहुत ही गहरा दुख हुआ और उन्होंने उसी समय ठान लिया कि यह सब कुछ जिसके इशारे पर हुआ है उसको उसके किए की सजा जरूर देकर रहेंगे। इस घटना से प्रेरणा लेकर उधम सिंह ने 21 वर्ष बाद इंग्लैंड के लंदन में पहुंचकर इस नरसंहार का बदला डायर को गोलियों से मारकर लिया और वहीं पर अपना समर्पण कर दिया। उन्हें आज के दिन ही फांसी दी गई थी।
जिससे भारत में क्रांतिकारियों का आक्रोश अंग्रेजों के प्रति और भी बढ़ गया और 7 वर्ष बाद भारत अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त हो गया था। ऐसे देशभक्त को शत शत नमन किया । इस मौके पर आर्य समाज के प्रधान भूपेंद्र सिंह आर्य, वीर सिंह आर्य, केसर आर्या, सुशीला आर्या, रंग राव आर्य, कप्तान सुरेंद्र पाल रसूलपुर, इंस्पेक्टर जयप्रकाश माण्डोला, सुभाष नंबरदार, महेंद्र दीवान आदि लोग उपस्थित रहे।
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