• रूई के दामों में वृद्धि से सर्दी के मौसम में भी उपभोक्ताओं को आ रहे पसीने

(Mahendragarh News) सतनाली। नवंबर माह में मौसम की करवट के साथ ही रात के समय ठंड बढ़ने से लोगों ने सर्दी से बचने के इंतजाम करना शुरू कर दिए हैं। सर्दी का मौसम शुरू होते ही रजाई बाजार पूरे चरम पर पहुंच गया है। इस बार रजाई में रुई भरने, पिनाई की कीमतों सहित रूई व कपडे व सिलाई के दाम 20 से 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में ग्राहकों को सर्दी में भी पसीना आ रहा है।

रूई की दुकानों पर रजाई गद्दे की भराई का काम शुरू हो गया है। हालांकि कुछ लोग रजाईयों को दरकिनार कर मखमली कंबलों पर अधिक ध्यान दे रहे है फिर भी लोगों का रुझान रजाईयों की तरफ भी देखने को मिल रहा है। लोहारू, सतनाली व आसपास के क्षेत्र में भी सर्दी की दस्तक के साथ ही बाजारों व रूई पिनाई की दुकानों में रजाई भरवाने वालों व बनवाने वालों की भीड़ देखी जा सकती है।

बढ़ रही रजाईयों की मांग के चलते कारीगरों की संख्या में भी इजाफा हो गया हैं, तो वहीं कारीगर भी ग्राहकों को समय पर रजाई उपलब्ध करवाने के लिए मेहनत से जुट गए है। कस्बे में रजाई बनाने का काम करने वाले गुलजार ने बताया कि नवंबर माह की शुरुआत में ही मीठी-मीठी ठंड की दस्तक के साथ ही लोगों ने घरों में रखी पुरानी रजाईयों को निकालकर उनकी रूई की पिनाई व भराई करवानी शुरू कर दी थी। ऐसे में रजाई भरने के कारीगरों की भी मांग जोर पकड़ने लगी है।

इस बार बाजार में रूई की कीमत 200 रुपये से लेकर 240 रुपये प्रति किलो तक है। जो कि रूई की गुणवत्ता व किस्म पर निर्भर करती है। बाजार में 5 किस्म की रूई उपलब्ध है जिसमें फाइबर, देसी, रॉक्लोन, फ्लैट तथा कैशमिलोन मुख्य है जबकि सबसे ज्यादा बिक्री फाइबर देसी रूई की हो रही है।

1000 से 1500 तक एक रजाई की कीमत

रजाई बनाने वाले कारीगर बिल्लू ने बताया कि सामान्यतः: एक रजाई में 4 से लेकर 5 किलोग्राम तक रूई भरी जाती है। जिसमें 80 रुपये प्रति किलो के हिसाब से रूई पिनाई की कीमत हैं। इसके अलावा 80 से 100 रूपये कीमत रजाई की भराई के लिए तय की गई है। इसके अलावा रजाई के कवर व कपड़े को मिलाकर एक रजाई का मूल्य 1500 रुपये तक हो जाता है। रजाईयों की मांग को देखते हुए कारीगरों द्वारा एक दिन में दस रजाई तक बनाई जा रही है।

 

 

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