(Mahendragarh News) महेंद्रगढ़। हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़, का समाजशास्त्र विभाग सामाजिक सुरक्षा पर केंद्रित तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। 23 अक्टूबर तक चलने वाले इस कार्यक्रम का आयोजन विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग द्वारा राष्ट्रीय मानसिक जांच एवं स्नायु विज्ञान संस्थान, बैंगलुरु के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है।
यह कार्यक्रम राष्ट्रीय सामाजिक रक्षा संस्थान, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रायोजित है। प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य सामाजिक रक्षा मुद्दों और उनके विश्लेषण और आगे के कार्यान्वयन के संभावित तरीकों की समझ को बढ़ाना है। प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन के अवसर पर चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय, भिवानी की कुलपति प्रो. दीप्ति धर्माणी व हकेवि के कुलपति व आयोजन के संरक्षक प्रो. टंकेश्पर कुमार की गरिमामयी उपस्थिति रही।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्जवलन के साथ हुआ। तत्पश्चात आयोजन सचिव डॉ. अभिरंजन कुमार ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम की संयोजक डॉ. रीमा गिल ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि सामाजिक सुरक्षा से जुड़े प्रत्येक मुद्दे में गहरी जड़ें हैं। जिनके प्रभावी समाधान के लिए हमारी सामूहिक कार्रवाई, सहानुभूति एवं प्रतिबद्धता की आवश्यकता है।
आयोजन में मुख्य अतिथि डॉ. दीप्ति धर्माणी ने हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दों पर इस कार्यक्रम के आयोजन की पहल की सराहना की तथा चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय में ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए शिक्षा को निःशुल्क बनाकर ट्रांसजेंडरों को मुख्य धारा में शामिल करने के अपने प्रयासों पर भी प्रकाश डाला। हकेवि कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने युवाओं को सलाह दी कि नशे को ‘ना’ कहें। कुलपति ने इस अवसर पर आयोजन के विषय को महत्त्वपूर्ण बताते हुए कहा कि अवश्य ही प्रतिभागी इससे लाभांवित होंगे। उन्होंने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए आयोजको को शुभकामनाएं भी दीं।
कार्यक्रम के सह-संयोजक डॉ. युधवीर ने इस बात पर जोर दिया कि नशे के आदी लोग अपने जीवन के बहुमूल्य वर्ष कैसे नहीं जी पाते। प्रशिक्षण कार्यक्रम के पहले दिन दो तकनीकी सत्र आयोजित किए गए। पहला सत्र ‘भारत में भीख मांगनाः विधायी और न्यायिक प्रतिक्रिया’ विषय पर केंद्रित रहा। पहले तकनीकी सत्र की अध्यक्षता विधि विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ. समीक्षा गोदारा ने की। दूसरे तकनीकी सत्र में मनोविज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. पायल चंदेल ने ‘सकारात्मक उम्र बढ़ने’ के पहलुओं पर चर्चा की।
मानविकी और सामाजिक विज्ञान संकाय के अधिष्ठाता प्रो. चंचल शर्मा सहित विभिन्न विभागों के शिक्षक, शोधार्थी रूपक वर्मा, ओकेश, मखरीन वेमी, किरण जांगड़ा, शुभम सिकरवार, पोरस यादव, सरविंद चौधरी, चंद्र मोहन, अनीशा यादव कार्यक्रम में मौजूद रहे। कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में ‘नशा उन्मूलन प्रकोष्ठ’ के सदस्यों ने नशीले पदार्थों के उन्मूलन की अपील पर केंद्रित लघु नाटक भी प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में देश के विभिन्न शिक्षण संस्थानों के 41 प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं।
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