(Mahendragarh News) महेंद्रगढ़। श्री गीता विज्ञान प्रचार समिति महेंद्रगढ़ की ओर से स्थानीय करेलिया बाजार स्थित बाबा जयरामदास धर्मशाला में चल रहे श्रीमद् भागवत सप्ताह अमृत महोत्सव के दौरान तपोभूमि हरिद्वार से पधारे महामंडलेश्वर श्रीश्री1008 स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती जी महाराज के द्वारा गत दिवस रविवार को कथा के चौथे दिन वामनावतार व श्रीकृष्णजन्म की कथा का वर्णन किया गया । इससे अतिरिक्त गुरु जी ने गजेन्द्र मोक्ष, मत्स्य अवतार एवं रामावतार का वर्णन भी किया तथा इस दौरान मास्टर अमरसिंह सोनी के निर्देशन में स्थानीय कलाकारों द्वारा भगवान वामनावतार व श्रीकृष्णजन्म की मनमोहक झांकियां भी बनाई गई।
इस कार्यक्रम के यजमान ओमप्रकाश चनेजा एवं राजेन्द्र यादव उर्फ पोपली सपरिवार थे जबकि प्रसाद की व्यवस्था श्रीमती शांति पंचोली द्वारा करवाई गई और मंच संचालन का कार्य प्रवक्ता सुशील शर्मा ने बखूबी से किया। भगवान वामन अवतार की कथा का वर्णन करते हुए गुरु जी ने बताया कि भगवान विष्णु ने वामन का रूप धारण करके राजा बलि से तीन पग भूमि दान में मांग ली। उन्होंने एक पग में सारी पृथ्वी और दूसरे पग में स्वर्ग लोक को माप लिया। वामनावतार का मुख्य उद्देश्य दैत्यराज बलि का मान मर्दन करना व देवराज इन्द्र को पुनः स्वर्गलोक का राज्य सौंपना था। श्रीकृष्ण जन्म की कथा का वर्णन करते हुए गुरु जी ने बताया कि भाद्रपद की अष्टमी तिथि को मध्य रात्रि के समय रोहणी नक्षत्र में वासुदेव की पत्नी देवकी के गर्भ से मथुरा की कारागार में भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था। कृष्ण जन्म के समय ऐसा चमत्कार हुआ कि जेल के दरवाजे स्वत: ही खुल गये और सभी पहरेदार मूर्छित हो गये। आगे चलकर भगवान श्री कृष्ण ने विशाल सेना का संगठन करके अत्याचारी कंस का वध किया और पृथ्वी को अत्याचारों से मुक्त करके अपने माता-पिता को कारागार से छुड़वाया। कथा के अन्त में श्री गीता विज्ञान प्रचार समिति महेंद्रगढ़ के प्रधान मुकेश मेहता के द्वारा सभी भक्तों का आभार व्यक्त किया गया। इस अवसर पर श्री गीता विज्ञान प्रचार समिति के सभी पदाधिकारी, सदस्य एवं अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
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