(Mahendragarh News) महेंद्रगढ़। श्री गीता विज्ञान प्रचार समिति महेन्द्रगढ़ की ओर से स्थानीय करेलिया बाजार स्थित बाबा जयरामदास धर्मशाला में चल रहे श्रीमद् भागवत सप्ताह अमृत महोत्सव के दौरान तपोभूमि हरिद्वार से पधारे महामंडलेश्वर श्रीश्री1008 स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती जी महाराज के द्वारा गत दिवस शुक्रवार को कथा के दूसरे दिन देवहूति-कपिल संवाद का वर्णन किया गया।
इस दौरान कथा के यजमान श्री मूलचंद शर्मा एवं श्री पुरूषोत्तम अग्रवाल सपरिवार थे जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ता श्री सुधीर दीवान भी वहां पहुंचे। प्रसाद की व्यवस्था महादेव कलेक्शन के प्रोप्राइटर श्री राकेश सैनी द्वारा करवाई गई तथा मंच संचालन का कार्य प्रवक्ता सुशील शर्मा ने बखूबी से निभाया।
सती चरित्र और राजा दक्ष की कथा का वर्णन करते हुए गुरु जी ने बताया कि एक बार माता पार्वती ने भगवान शिव की बात नहीं मानी और वह बिना निमंत्रण के ही अपने पिता दक्ष के यहां आयोजित अश्वमेध यज्ञ में चली गई । वहां पर शिव की निंदा सुनकर वह बहुत लज्जित हुई और हवन कुंड में कूद गई । इस बात से हमें शिक्षा मिलती है कि हमें बिना बुलाए कहीं भी नहीं जाना चाहिए। आगे बोलते हुए उन्होंने बताया कि ध्यान क्या है और यह कितने प्रकार का होता है तथा हमें ईश्वर का ध्यान किस प्रकार से करना चाहिए । इस अवसर पर श्री गीता विज्ञान प्रचार समिति के समस्त पदाधिकारी एवं सदस्यों के अतिरिक्त काफी संख्या में भक्तजन भी उपस्थित रहे ।
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