- लीला में सुग्रीव और बाली के बीच हुआ भयंकर युद्ध
- दर्शकों ने बार-बार तालियां बजाकर किया कलाकारों का उत्साह वर्धन
(Mahendragarh News) महेंद्रगढ़। शहर की सब्जी मंडी के नजदीक स्थित श्री आदर्श राम लीला कमेटी के भव्य रंगमंच पर बीती मंगलवार रात्रि को बाली वध की लीला दिखाई गई । मुख्य अतिथि श्री घनश्याम जोशी सुप्रसिद्ध समाजसेवी, अध्यक्षता रवि चौहान सुप्रसिद्ध समाजसेवी, विशिष्ट अतिथि कैलाश जी शर्मा पाली वाले, रामजीवन जी मित्तल, विनोद जी श्यामपुरिया, मनोहर लाल जी झुक वाले थे।
अतिथियों के साथ सुमंत जोशी, मनोज खन्ना, पवन यादव भी विशेष रूप से पधारे। मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि एवं उनके साथ पधारे अन्य मेहमानों और अध्यक्ष महोदय को अंगवस्त्र व पुष्प माला, स्मृति चिन्ह देकर स्वागत किया गया। आज की लीला में मुख्य अतिथि ने बोलते हुए कहा कि हमें भगवान राम के आदर्श पर चलना चाहिए उन्होंने इसके लिए आदर्श रामलीला कमेटी का धन्यवाद करते हुए कहा कि उन्हें इस बात पर गर्व है कि आज उन्हें श्री आदर्श रामलीला कमेटी में आने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
रामलीला के प्रधान एडवोकेट सुरेंद्र गुप्ता ऊर्फ बंटी व रामलीला के प्रेस सचिव केशव अग्रवाल ने संयुक्त रूप से जानकारी देते हुए बताया कि आज की लीला में भगवान राम का सीता जी की खोज करते हुए ऋषिमुक पर्वत पर पहुंचते है जहां उनकी भेट हनुमान जी से होती है, और हनुमान जी राम जी की सुग्रीव से अग्नि को साक्षी मानकर मित्रता करवाते है। ओर भगवान राम और सुग्रिव दोनों मित्रता निभाने का संकल्प लेते है। सुग्रीव के द्वारा राम जी को सीता की निशानी दिखाई जाती है जिसे देखकर राम जी की आंखों से अश्रु बह जाते हैं।
उसके बाद सुग्रीव और बाली में भयंकर युद्ध होता है जिसमें एक बार सुग्रीव हार जाता है तथा राम जी उसे अपना हार देकर दोबारा से युद्ध करने के लिए भेजते हैं जहां पर राम जी के द्वारा बाली का वध किया जाता है, तथा सुग्रीव को किष्किंधा का राजा बनाया जाता है उसके बाद हनुमान जी की अगुवाई में वानर सेना माता सीता की खोज में निकल जाती है। तथा वह माता सीता को खोजते-खोजते समुद्र के किनारे पहुंचते हैं जहां पर उनकी मुलाकात संपाती से होती है और संपाती के द्वारा उन्हें माता सीता के बारे में बताया जाता है तब जामवंत जी हनुमान जी को उन्हें उनकी शक्ति याद दिलाते हैं और हनुमान जी अनेक प्रकार की कठिनाइयों का सामना करते हुए समुद्र पार करके लंका में प्रवेश कर जाते हैं जहां पर उनकी भेंट विभीषण जी से होती है और विभीषण जी द्वारा उन्हें माता-सीता के बारे में सारा वृत्तांत बताया जाता है। आज की लीला में सुग्रीव और बाली का भयंकर युद्ध देखने लायक था व सुग्रीव और बाली के संवाद में दर्शकों की करतल ध्वनि की गूंज बार-बार बजती रही दर्शकों ने बार-बार तालियां बजाकर कलाकारों का उत्साह वर्धन किया। सुग्रीव व बाली का अभिनय दो सगे भाइयों राहुल व साहिल ने किया ।
उनके दादाजी स्वर्गीय श्री राम सिंह जी यादव ने भी अपना पूरा जीवन भगवान राम के चरणों में श्री आदर्श रामलीला में अर्पित किया और शहर में सनातन धर्म का प्रचार किया राहुल यादव ने बताया कि उन्हें रामलीला के बारे में प्रेरणा उनके दादाजी स्वर्गीय श्री राम सिंह जी यादव से मिली रामलीला का प्रत्येक सदस्य कलाकार पर पदाधिकारी उनके दादाजी को श्रद्धांजलि सुमन अर्पित करते हैं ।
वह बताते हैं कि उनकी कमी हमें हर वक्त रहेगी। स्वर्गीय राम सिंह जी का पूरा परिवार आज भी रामलीला से जुड़ा हुआ है और अपनी हर संभव सहायता श्री आदर्श रामलाल कमेटी में करते हैं। आज की लीला में सुग्रीव साहिल, बाली राहुल, हनुमान गोविंद राम सैनी, संपाति, लंकनी व सुरसा का अभिनय केशव अग्रवाल, जामवंत लकी वशिष्ठ, तारा संदीप यादव, राम सुरेश गोस्वामी, लक्ष्मण नवीन कुमार, विभीषण मुकेश सैनी, नल मानव, नील नक्ष यादव ने अपने-अपने अभिनय में दर्शकों का मन मोह लिया।
मंच संचालक हरि सिंह यादव ने बताया कि श्री आदर्श रामलीला कमेटी को बालाजी आर्ट्स यूट्यूब चैनल पर लाइव भी दिखाया जा रहा है।आज की लीला में आजाद शर्मा, बच्चन सिंह यादव, रामस्वरूप जोशी, रोहतास सोनी, सुरेश शर्मा, नीना खुराना, मीना धरशु, अनिता सैनी, मनोहर लाल, लक्ष्मीनारायण सैनी, रवि, संदीप, नाथूराम, जोगिंदर सेठ, मोई गुर्जर, कर्म खन्ना, पुरुषोत्तम सेठ, सोनू बंसल, दीपू सिंगल, राजेंद्र शर्मा समेत हजारों की संख्या में लोग उपस्थित थे।
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