Mahendragarh News : राम को वनवास जाता देख आकर्षक अभिनय के चलते दर्शक भी रोए

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The audience also cried after watching Ram going to exile due to the attractive acting
राम वन गमन की झलकियां।

(Mahendragarh News)  महेंद्रगढ़। रामलीला परिषद् के राजा राम पालड़ी रंगमंच पर राम वनवास की लीला के मार्मिक दृश्यों ने हजारों की उपस्तिथि को भाव विभोर कर दिया। विशेषकर राम लक्ष्मण के गीत और संवादों ने दर्शकों की आंखे नम कर दी। वहीं सीता और राम के गीत व अभिनय ने उपस्तिथि को अनेक बार करतल ध्वनि के साथ तालियां बजाने को मजबूर कर दिया। आज की रात्रि के मुख्य आकर्षण केवट राम संवाद भी रहा।

राम सीता, राम लक्ष्मण व राम केवट के संवादों ने छोड़ी अमिट छाप

इस अवसर पर ब्राह्मण सभा के पूर्व प्रधान राजेश दीवान मुख्यातिथि के रूप में उपस्थित रहे। अध्यक्षता नगर पालिका के ब्रांड एंबेसडर व रोटरी क्लब के प्रधान मुकेश मेहता व प्रसिद्ध समाजसेवी मनोज सोनी ने की। इस अवसर पर सभी मेहमानों ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित कर रामलीला का शुभारंभ किया।

हजारों की उपस्तिथि को संबोधित करते हुए ब्राह्मण सभा के पूर्व प्रधान व ब्रांड एंबेसेडर मुकेश मेहता ने रामलीला परिषद् की लीला मंचन को राष्ट्र स्तर की चयनित संस्थाओं में से एक बताया। साथ ही विशेषकर युवाओं का आह्वान किया कि हम सब को सत्य मार्ग पर चलकर संस्कारों की स्थापना करनी चाहिए तभी हम एक अखंड भारत का स्वप्न साकार कर पाएंगे।
रामलीला परिषद् में राम वनवास की लीला मंचन के दौरान माता कैकई के वचनों का पालन करते हुए मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम वन गमन की आज्ञा माता कौशल्या व केकेई से ली। भगवान राम के वन गमन का समाचार सुनकर सीता व लक्ष्मण ने भी भगवान राम के समक्ष शर्त रखी कि अगर आप अकेले वन जाएंगे तो हम अपने प्राण त्याग देंगे। अनुज लक्ष्मण व अर्धांगनी सीता माता का उनके प्रति समर्पण देखकर राम भी दोनों को वन में ले जाने को मजबूर हो गए।
राम के अभिनय में रवि सैनी, सीता के अभिनय में पंकज यदुवंशी, लक्ष्मण के अभिनय में चंद्रमोहन, केवट के अभिनय में सतीश श्रवण ने चरित्र में डूबकर उपस्तिथि को भाव विभोर कर दिया।

प्रारंभ में दशरथ व कैकई के मार्मिक दृश्य में रामचंद्र जांगड़ा व कैकई बनी राधा ठाकुर ने माहौल को वास्तव में गमगीन बना दिया। सुमंत के अभिनय में अतुल लामडीवाल ने पूरा न्याय करते हुए अपनी गायन शैली व संवादों से अमिट छाप छोड़ी। निखाद राज के अभिनय में कमल डागर ने भी खूब तालियां बटोरी।

ये रहे आकर्षण के केंद्र:

रामलीला परिषद् के राजा राम पालड़ी रंगमंच पर नदियों की लहरों के बीच नाव में केवट द्वारा भगवान राम को गंगा पार करवाए जाने का दृश्य अदभुत था। वहीं आकर्षक लाइट एंड साउंड को भी दर्शकों द्वारा खूब सराहा गया। राम वन गमन के समय प्रजावासियों द्वारा रामलीला के महा निदेशक गिरीश कानोडिया व सतीश श्रवण द्वारा गाए गए गीत जरा देर ठहरो राम तम्मन्ना यही है को भी खूब सराहा गया।कार्यक्रम का सफल मंच संचालन अध्यापक अरविंद जांगड़ा ने किया। रामलीला मंचन का लाइव प्रसारण अनेक देशों में भी नीतू मूवीज द्वारा किया जा रहा है।

ये रहे उपस्तिथ:

रामलीला परिषद् के संग्रक्षक घीसा राम सैनी, अनिल कौशिक, प्रधान दिनकर बोहरा, महानिदेशक गिरीश कानोडिया, निर्देशक प्रमोद तिवाड़ी, उप प्रधान सुनील यादव, कलाकार प्रधान विकास तिवाड़ी, मैनेजर सोहन लाल, मुख्य सलाहकार प्रवीण गौड़, सचिव सुभाष तिवाड़ी, राजेंद्र पोपली, पूर्व प्रधान सुधीर दीवान, इंजीनियर अशोक जांगड़ा, शरद कानोडीया, अभिषेक डागर, राजेश बोहरा, नीरज तिवाड़ी, पुनीत भारद्वाज, प्रदीप सेन, अजय कानोडिया, प्रथम भारद्वाज, हर्ष पंचोली, सुनील भोपपा, जितेंद्र, मोहित, आशीष, अनिल टाला सहित अनेक लोग उपस्थित थे।

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