(Mahendragarh News) महेंद्रगढ़। राष्ट्र को महान बनाने में शिक्षक का हम योगदान होता है। इस भौतिकतावादी युग में शिक्षक का उत्तरदायित्व और अधिक बढ़ गया है। संस्कार और इंसानियत की भावना से परे होती हमारी नई पीढ़ी में शिक्षक ही लोकतांत्रिक, नैतिक और मानवतावादी मूल्यों को स्थापित कर सकता है। व्यक्ति केवल शरीर और बुद्धि से नहीं बनता बल्कि उस में एक संवेदनशील मन भी होता है, एक आत्मा होती है।दिमाग तो तेज होता है लेकिन एक शिक्षक ही बच्चों के मन को समृद्ध कर सकता है, गरीब पर दया करना सिखा सकता है। उन्हें परिवार के प्रति संवेदनशील बना सकता है। उसके अच्छे व्यक्तित्व का निर्माण कर देश को एक मजबूत नागरिक दे सकता है। उक्त विचार राज्यपाल से दो बार पुरस्कृत शिक्षक और हिंदुस्तान स्काउट्स एंड गाइड्स जिला महेंद्रगढ़ के सचिव मनोज गौतम ने सतनाली मोड़ स्थित एक कंप्यूटर सेंटर के सभागार में शिक्षक दिवस समारोह की पूर्व संध्या पर ” विद्यार्थियों को संवेदनशील और देश प्रेमी बनाने में शिक्षक की भूमिका ” विषय पर व्याख्यान में बतौर मुख्य वक्ता युवाओं को संबोधित करते हुए व्यक्त किए ।
उन्होंने युवाओं को संबोधित करते हुए बताया कि आज समय की मांग है कि शिक्षक शिक्षा तो दे सकता है लेकिन, संस्कार देने के लिए शिक्षक को गुरु की भूमिका निभानी पड़ती है। शिक्षक दिवस का मतलब ही यह है कि शिक्षक में गुरु को देखें और उनसे संस्कार लें। बहुआयामी ज्ञान की आवश्यकता के इस दौर में एक छात्र की सफलता की यात्रा में हर शिक्षक की वंदनीय भूमिका होती है। नई पीढ़ी के बच्चे शिक्षक की गरिमा, मान और उनके दिए सूत्रों को समझकर जीवन में उतारें। ऐसा करने से जीवन की राह और आसान हो जाएगी। कार्यक्रम की शुरुआत संस्थान की तरफ से कंप्यूटर लेक्चरर पूनम, मोनिका, किरण, जगमोहन, मीनाक्षी और रवि ने विद्यार्थियों को संबोधित किया। विद्यार्थियों ने सभी शिक्षकों को उपहार देकर सम्मानित किया। मां सरस्वती और डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए गए डॉ. राधाकृष्णन के जीवन और व्यक्तित्व पर विस्तार से चर्चा हुई। इस अवसर हरीश, निखिल, नोविन, हैप्पी, अश्विनी, प्रशांत, महक, करुणा, पवन, सोनू आदि काफी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।
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