Mahendragarh News : हकेवि में संसदीय कार्यप्रणाली से विद्यार्थियों को कराया अवगत

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Students were made aware of parliamentary procedure in HKV
विशेषज्ञ वक्ता को स्मृति चिह्न भेंट करते शिक्षक एवं विद्यार्थी।
  • पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग में एकदिवसीय कार्यशाला आयोजित

(Mahendragarh News) महेंद्रगढ़। हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ में पत्रकारिता और जनसंचार विभाग द्वारा पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च, नई दिल्ली के सहयोग से संसदीय रिपोर्टिंग पर एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में संसद की कार्यप्रणाली, उसके महत्व और पत्रकारिता के क्षेत्र में इसकी भूमिका पर विस्तार से चर्चा की गई। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर टंकेश्वर कुमार ने कार्यशाला के आयोजन के लिए विभाग को बधाई दी।

कार्यशाला के दौरान पीआरएस लेजिस्लेटिव के डिप्टी हेड रिसर्च साकेत कुमार ने विद्यार्थियों से कहा कि देश की संसदीय परंपरा की पारदर्शिता एवं लोकतंत्र की मजबूती के लिए यह जरूरी है कि देश का प्रत्येक व्यक्ति संसद में होने वाली गतिविधि के बारे में जागरूक बने। उन्होंने कहा कि जब मीडिया तटस्थता के साथ संसद में जनहित में होने वाले कार्य की रिपोर्टिंग करता है तो इससे भारतीय लोकतंत्र को और अधिक मजबूती मिलती है। उन्होंने बताया कि संसद के माध्यम से कानून, अध्यादेश, सुझाव और अन्य नीतिगत बदलाव आते हैं। उन्होंने कहा कि पत्रकारों का दायित्व है कि वे इन मुद्दों को सरल भाषा में आम जनता तक पहुंचाए।

साकेत कुमार ने लोकसभा के एक दिन के कामकाज के बारे में चर्चा करते हुए बताया कि शून्य काल, प्रश्नकाल, विधायी कामकाज और निजी सदस्य के काम संसद की कार्यवाही के अहम हिस्से हैं। उन्होंने बताया कि पत्रकारों को विधेयक पारित होने की प्रक्रिया को समझना चाहिए। एक पत्रकार के लिए यह समझना आवश्यक है कि संसद में बिल कैसे पेश किए जाते हैं, उन पर चर्चा कैसे होती है और वे कैसे पारित किए जाते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को संसद से जुड़ी खबरें लिखने के तरीके, तथ्यों की जांच और मुद्दों को सरल भाषा में प्रस्तुत करने की कला पर जोर दिया।

पीआरएस प्रोग्राम ऑफिसर यशिका ने विद्यार्थियों को बजट और वित्तीय प्रक्रिया की व्यापक जानकारी दी। उन्होंने कहा, बजट केवल टैक्स लगाने का विषय नहीं है। यह तय करता है कि किस मंत्रालय को कितना पैसा मिलेगा। उन्होंने बताया कि बजट दो हजार से अधिक पृष्ठों का होता है, जो आम जनता के लिए समझना कठिन होता है। ऐसे में संसद में होने वाली चर्चाओं से समझ बनती है। और मीडिया उनको रिपोर्ट कर लोगों को जागरूक करता है। यशिका ने बजट की प्रमुख बातों को स्पष्ट करते हुए प्राप्ति बजट, वित्त विधेयक, विनियोग विधेयक, अनुदान मांग और राजकोषीय घाटे के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बजट के विभिन्न आंकड़ों जैसे वास्तविक, बजटीय अनुमान और संशोधित अनुमान पर चर्चा की।
कार्यशाला के अंत में विभागाध्यक्ष डॉ. अशोक कुमार ने पीआरएस टीम का आभार व्यक्त करते हुए कहा कार्यशाला के माध्यम से पत्रकारिता एवं जनसंचार तथा राजनीतिक विज्ञान विभाग के विद्यार्थियों ने विधायिका की पूरी प्रक्रिया को समझा है। जिसका लाभ निश्चित रूप से भविष्य में मिलेगा।

उन्होंने कहा कि संसद भारतीय लोकतंत्र की आत्मा है और संसद में होने वाला हर विचार व फैसला देश की जनता को प्रभावित करता है। कार्यशाला के संयोजक डॉ. सुरेंद्र कुमार ने सभी का धन्यवाद किया। इस अवसर पर डॉ. आलेख, डॉ. नीरज करण सिंह, डॉ. भारती बत्रा सहित विद्यार्थी एवं शोधार्थी उपस्थित रहे।

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