Mahendragarh News : आर्य समाज मुख्यालय में यज्ञ कर मनाया श्री कृष्ण जन्मोत्सव

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Shri Krishna Janmotsav celebrated by performing Yagya at Arya Samaj Headquarters
श्री कृष्ण जन्मोत्सव पर आर्य समाज मुख्यालय में यज्ञ करते।

(Mahendragarh News) महेंद्रगढ़। वेद प्रचार मंडल एवं आर्य समाज महेंद्रगढ़ के संयुक्त तत्वावधान में आज 26 अगस्त को आर्य समाज मुख्यालय महेंद्रगढ़ की यज्ञशाला में यज्ञ का आयोजन वेदों के अनुयाई, आर्य संस्कृति के कीर्ति स्तंभ, धर्म एवं संस्कृति के रक्षक योगीराज श्री कृष्ण के जन्मोत्सव के उपलक्ष में किया गया। वेद प्रचार मंडल के जिला अध्यक्ष डॉक्टर प्रेमराज ने अध्यक्षता की व आर्य समाज के प्रधान भूपेंद्र सिंह आर्य ने यज्ञ पुरोहित की भूमिका निभाई। अध्यक्ष ने बताया की आर्यावर्त में श्री राम और श्री कृष्ण ऐसे दो महापुरुष हुए हैं जिन्हें राष्ट्र पुरुष और इतिहास पुरुष की दृष्टि से अद्वितीय कहा जा सकता है। श्री राम मर्यादा पुरुषोत्तम हैं और श्री कृष्ण लीला पुरुषोत्तम हैं। पुरुषोत्तम दोनों हैं। महर्षि दयानंद ने सदाचार निर्माणार्थ जिस सत्पुरुष की गणना सर्वप्रथम की है, वह योगेश्वर श्री कृष्ण ही हैं। उन्होंने लिखा है श्री कृष्ण का जीवन आप्त पुरुषों के सदृश है। श्री कृष्ण जी का इतिहास महाभारत में अति उत्तम है उनके गुण, कर्म, स्वभाव और चरित्र आप्त पुरुषों के सदृश हैं। जिसमें कोई अधर्म का आचरण श्री कृष्ण ने जन्म से मरण पर्यंत बुरा काम कुछ भी किया हो ऐसा कहीं नहीं लिखा । श्री कृष्ण ईश्वर के बहुत बड़े उपासक थे। किसी भी परिस्थिति में उन्होंने संध्या एवं यज्ञ का परित्याग नहीं किया। युद्ध काल में भी वह निरंतर संध्या यज्ञ करते थे।
श्री कृष्ण अपने समय के एक अद्वितीय विद्वान थे। वे वेद वेदंगों के ज्ञाता, दान, दया, बुद्धि, शूरता, शालीनता, चतुराई, नम्रता, तेजस्विता, धैर्य, संतोष, आदि सभी गुणों में अनुपम थे।

योगेश्वर के चरित्र को हम स्वयं महाभारत के माध्यम से जाने और उनके चरित्र के शुद्ध स्वरूप को घर-घर पहुंचाएं और अपने उस महान पूर्वज को हम कलंकित न करें, ना होने दें। आओ हम सभी मिलकर योगेश्वर श्री कृष्ण के जन्मोत्सव को आज शुद्ध रूप से मनायें। संध्या एवं यज्ञ करके और प्रतिदिन करने का संकल्प लें। जिस प्रकार श्री कृष्ण ने विषम परिस्थितियों में भी संध्या, यज्ञ का परित्याग नहीं किया, हम भी संध्या एवं यज्ञ को अपने जीवन का अंग बनाएं। और योगेश्वर के इस जन्मदिवस पर उनके उत्तम चरित्र का यश गान करें। इस अवसर पर आर्य समाज के संरक्षक बृहस्पति शास्त्री, मंत्री डॉ. विक्रांत डागर ,आर्य समाज महिला प्रधान शैलजा आर्या, बहन केसर आर्या, सूबेदार मेजर सुबे सिंह, वेद प्रकाश आर्य, एडवोकेट मानव आर्य, किरोड़ी लाल आदि लोगों उपस्थित रहे।


 

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