Mahendragarh News : असंगठित को संगठित करने से विकसित होगा भारत- दीपक शर्मा

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Shri Deepak Sharma Pradeep inaugurating the seminar by lighting the lamp.
दीप प्रज्जवलन कर सेमिनार का उद्घाटन करते श्री दीपक शर्मा प्रदीप।

(Mahendragarh News) महेंद्रगढ़। हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ के आत्मनिर्भर भारत सेल द्वारा गुरुवार को भारत एट 2047 विषय पर केंद्रित सेमिनार का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में स्वदेशी जागरण मंच के अखिल भारतीय व्यवस्था प्रमुख श्री दीपक शर्मा प्रदीप उपस्थित रहे। आयोजन में विशिष्ट वक्ता के रूप में स्वदेशी जागरण मंच हरियाणा के प्रांत संगठक श्री कुलदीप व समाजसेवी कैप्टन हंसराज ने भी प्रतिभागियों को संबोधित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने की।

विश्वविद्यालय के कुलगीत के साथ शुरु हुए इस सेमिनार को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता श्री दीपक शर्मा प्रदीप ने विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने के लिए असंगठित रोजगार व मानव संसाधन को संगठित करने पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि भारत में रोजगार से अभिप्राय संगठित क्षेत्रों में उपलब्ध नौकरियों से लगाया जाता है जोकि यहां उपलब्ध मानव संसाधन की अपेक्षा बहुत कम है। ऐसे में आवश्यकता है कि युवा शक्ति को उद्यमिता व स्वरोजगार के विकास हेतु तैयार किया जाए और इसके लिए विशेष प्रयास हों। उन्होंने कहा कि हमें वसुधैव कुटुम्कबम की परिकल्पना पर आगे बढ़ते हुए स्व के भाव के साथ मिलकर प्रयास करने होंगे। भारत इस दिशा में आगे बढ़ चुका है और अवश्य ही सामूहिक प्रयासों से निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति होगी।

इससे पूर्व में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि विकसित भारत तभी संभव है जबकि लोग एक दिशा में मिलकर आगे बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि स्वावलंबी होना किसी भी देश के लिए जरूरी है। कुलपति ने इस अवसर पर विकसित भारत के निर्माण के लिए सुरक्षित होने की आवश्यकता पर भी जोर दिया और कहा कि इस अभियान में युवाओं की भूमिका विशेषकर विद्यार्थियों का योगदान सबसे महत्त्वपूर्ण है।

उन्होंने विश्वविद्यालय में आत्मनिर्भर भारत सेल व पर्यटन एवं होटल प्रबंधन विभाग के द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में सम्मिलित गणमान्य अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि अवश्य ही उनके विचारों से विद्यार्थी लाभांवित होंगे। कार्यक्रम में प्रो. राजकुमार मित्तल द्वारा लिखित पुस्तक का लोकार्पण किया गया।

आयोजन में सम्मिलित विशिष्ट वक्ता श्री कुलदीप ने स्वावलंबी भारत अभियान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत सदैव से ही साधन सम्पन्न राष्ट्र रहा है। अंग्रेजों ने विकसित भारत को लूटकर खोखला किया, शिक्षा व्यवस्था को बदला और मानसिक रूप से भारतीयों को स्वरोजगार व उद्यमिता से विमुख किया। उन्होंने कहा कि अब समय बदल गया है और शक्तिशाली भारत के निर्माण का मूल मंत्र उद्यमिता विकास में छिपा है।

इसी तरह कैप्टन हंसराज ने भी अपने संबोधन में भारतीय इतिहास और इसके विकास के लिए आवश्यक स्वावलंबी अभियान के विभिन्न पक्षों को प्रतिभागियों के समक्ष रखा। उन्होंने कहा कि स्व का भाव की हमें वर्ष 2047 तक विकसित बनाने में मददगार साबित होगा। कार्यक्रम के आरंभ में विश्वविद्यालय में सहायक आचार्य श्री संदीप बूरा विषय परिचय प्रस्तुत किया जबकि कार्यक्रम के अंत में श्री राजेश शास्त्री ने धन्यवाद ज्ञापित किया। आयोजन में विश्वविद्यालय के पर्यटन एवं होटल प्रबंधन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. रणबीर सिंह, डॉ. वेदप्रकाश लुहाच, डॉ. विकास सिवाच, डॉ. रामगोपाल निठरवाल, डॉ. सुनील कुमार, श्री पवन खेरवाल सहित भारी संख्या में शिक्षक, विद्यार्थी व शोधार्थी उपस्थित रहे।