Mahendragarh News : आरपीएस के सीईओ इंजी. मनीष राव एजुकेशन आइकन अवार्ड-2024 से नवाजे गए

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आरपीएस के सीईओ इंजी. मनीष राव एजुकेशन आइकन अवार्ड-2024 से नवाजे गए
आरपीएस के सीईओ इंजी. मनीष राव एजुकेशन आइकन अवार्ड-2024 से नवाजे गए

(Mahendragarh News) महेंद्रगढ़। शिक्षा के क्षेत्र में अनुकरणीय कार्य करने वाले आरपीएस ग्रुप के सीईओ इंजी. मनीष राव को नोएडा में आयोजित एजुलीडरस समीट में एजुकेशन आइकन ऑफ द ईयर अवार्ड-2024 से नवाजा गया। हरियाणा प्रदेश व पूरे भारत में शिक्षा के क्षेत्र में किए गए अद्वितीय योगदान को लेकर ही राव को अवार्ड के लिए चयन किया गया है। पूरे आरपीएस परिवार ही नहीं अपितु अनेक सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं के लोगों ने इस उपलब्धि के लिए इंजी. मनीष राव को बधाई देते हुए उनके द्वारा फैलाए जा रहे शिक्षा के प्रकाश तथा सामाजिक कार्यों की सराहना की।

हरियाणा के पिछड़े क्षेत्र में जलाई शिक्षा की अलख

इंजी मनीष राव के पिता स्व. एडवोकेट डॉ. ओपी यादव महेंद्रगढ़ बार एसोसिएसन के प्रतिष्ठित एडवोकेट थे जिन्होंने इस पिछड़े क्षेत्र में शिक्षा की अलख जगाने की सोच को साकार रूप देने के उद्देश्य से संसाधनों का अभाव होते हुए भी 1998 में 350 विद्यार्थियों के साथ सतनाली रोड़ पर गांव खातोद में एक छोटे से विद्यालय का शुभारम्भ किया। मनीष राव ने बतौर विद्यालय के सीईओ इस क्षेत्र में कदम बढ़ाया जिसमें आरपीएस के फाऊंडर डॉयरेक्टर डॉ. ओपी यादव का अविस्मरणीय व विशेष सहयोग कदम-कदम पर रहा। । इसके साथ-साथ उनकी माता विमला देवी, उनकी भाभी आरपीएस ग्रुप की चेयरपर्सन डॉ. पवित्रा राव, भाई एडवोकेट नरेन्द्र राव, ज्वाइंट सेक्रेटरी प्रेम राव का शिक्षा के क्षेत्र में बुलंदियों को छूने में विशेष सहयोग प्राप्त हुआ।

इस क्षेत्र को पूरे हरियाणा प्रदेश में सबसे पिछड़ा क्षेत्र व काला पानी की सजा के नाम से जाना जाता था। यहां शिक्षा के प्रति लोगों का रुझान भी उस समय कम था । इंजी. मनीष राव ने अपनी सूझ बूझ से महेंद्रगढ़ पर पिछड़ा वर्ग का दाग मिटाने के लिए रात-दिन कठिन परिश्रम व मेहनत की जिसका परिणाम है कि आज आरपीएस एक बड़े ग्रुप में सुमार हो गया है। इस ग्रुप की संस्थाएं प्रदेश में ही नहीं बल्कि पूरे देश के नामी शैक्षणिक प्रतिष्ठानों में गिनी जाती हैं।

आज 17 विद्यालय व 8 कॉलेज से फैल रही है शिक्षा की अलख:-

वर्तमान में विभिन्न प्रतिष्ठित स्थानों महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, गुरुग्राम, कोसली, नारनौल, हिसार, हांसी, करनाल, धारूहेड़ा, बहरोड़, रोहतक, दादरी सहित अन्य स्थानों पर 17 बड़े विद्यालय तथा 8 बड़े कॉलेज जिसमें वेटरनरी सांईस कॉलेज भी शामिल है। इस संस्थान में आज 50 हजार से अधिक विद्यार्थियों को शिक्षा दी जा रही है। इन संस्थाओं में 7000 से अधिक कर्मचारियों को रोजगार मिला हुआ है। वर्तमान समय में इंजी. मनीष राव के दिशा-निर्देश में सभी आरपीएस संस्थाओं के विद्यार्थी आईआईटी, पीएमटी, केवीपीवाई, एनडीए, क्लेट, सीए, आईआईटी जैम, नेट, यूपीएससी के परीक्षा परिणामों के साथ-साथ सीबीएसई बोर्ड, सांस्कृतिक कार्यक्रमों व खेलों में जिले, प्रदेश व देश में शीर्ष पर रहकर विद्यार्थियों व अभिभावकों के सपनों को साकार कर रहे हैं। यह सब मनीष राव के सकारात्मक विचारों का प्रतिफल है। हजारों की संख्या में अभिभावक, शिक्षक, शिक्षाविद्, समाज सेवी उनकी विचारधारा से बेहद खुश हैं तथा उनको विशेष सहयोग देते रहते हैं। अपनी मजबूत इच्छाशक्ति व कठिन परिश्रम साधना से इस क्षेत्र को शिक्षा का हब बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की।

सराहनीय कार्यो के बल पर मिली पहचान:-

इंजी. मनीष राव ने अपने विद्यालय में विद्यार्थियों की रट्टा प्रवृत्ति को मिटाकर प्रत्येक विषय को समझकर रचनात्मक कार्य पर बल दिया। विद्यार्थी भी रचनात्मक कार्य करके शिक्षा के प्रति जागरुक हुए जो आज देश के बड़े पदों पर पहुंचें । सरकार की योजना 134ए के तहत गरीब विद्यार्थियों को विद्यालय में बिना भेदभाव उन्हें अच्छी शिक्षा दी गई व अन्य आर्थिक तौर पर कमजोर सभी वर्ग के विद्यार्थियों को संस्था में निःशुल्क पढ़ने का मौका मिल रहा है। इसके अलावा विभिन्न समाज सेवियों द्वारा चलाए जाने वाले भारतीय संस्कृति उत्थान के संरक्षण कार्यक्रमों में अपना अमूल्य योगदान, विभिन्न स्थानों पर ब्लाइंड स्कूलों, अनाथालयों, गौशालाओं, देवालयों, सरकारी अस्पतालों में अनाज व धन के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के संसाधन उपलब्ध कराकर भरपूर सहायता देने का काम सराहनीय है। समय-समय पर क्षेत्र के अन्य गरीब लोगों को वस्त्र, धन व खाद्य सामग्री सहित अन्य प्रकार से उनकी मदद करने के लिए हमेशा तत्पर नजर आते हैं।

पर्यावरण संरक्षण में रहा विशेष सहयोग:-

इंजी. मनीष राव का प्रकृति के प्रति विशेष लगाव रहा है। इसलिए प्रकृति, पर्यावरण, जल संरक्षण को लेकर समय-समय पर कार्यक्रम आयोजित कर न केवल विद्यालय के बच्चों बल्कि आम लोगों के लिए भी जागरूकता कार्यक्रम चलाकर लोगों को प्रकृति व पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रहे हैं। कोरोना महामारी के समय संस्था के प्रत्येक कर्मचारी का पूरी तरह से ध्यान रखने के साथ-साथ क्षेत्र के पीड़ित लोगों को भी खाद्य सामग्रियां देने के साथ-साथ अन्य प्रकार से हर संभवन सहायता की व उन्हें इस महामारी से बचाव को लेकर जागरूक करते हुए निडरता से इससे लड़ने के लिए प्रेरित किया। ड्राईवर ट्रेनिंग कैंप, भगवत गीता, पुराण, रामायण जैसे धार्मिक ग्रंथों की पुस्तकों का समय पर वितरण कर लोगों के विचारों को धर्म से जोड़े रखने का काम भी कर रहे हैं।

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