Mahendragarh News : राजपूत वोट बैंक के सहारे महेंद्रगढ़ के चुनावी रण को त्रिकोणीय बना रहे राजपा के राकेश तंवर

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Rakesh Tanwar

(Mahendragarh News) महेंद्रगढ़। विधानसभा चुनाव के मतदान के दिन के लिए काउंट डाउन शुरू हो चुका है तथा अब मतदान के लिए बाकी बचे पांच दिन के चुनाव प्रचार व प्रत्याशियों द्वारा दिखाए गए दमखम से ही चुनावी रण के समीकरण बनते बिगड़ते नजर आऐंगे। महेंद्रगढ़ के चुनावी रण की बात की जाए तो यहां नामांकन दाखिल करने के बाद से ही प्रतिदिन नए नए समीकरण बनते दिखाई दिए है। भाजपा, कांग्रेस, राजपा, आप व इनेलो-बसपा गठबंधन के प्रत्याशी मैदान में प्रचार के दौरान अपना पसीना बहा रहे है वहीं निर्दलीय बलवान फौजी व संदीप सिंह एसडीएम ने भी प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है।

राजपा, इनेलो बसपा गठबंधन व निर्दलीय प्रत्याशी बिगाड़ रहे भाजपा व कांग्रेस के चुनावी समीकरण

हालांकि मुख्य मुकाबला भाजपा व कांग्रेस में माना जा रहा है परंतु इसी बीच नए बने समीकरणों में राजपा के राकेश तंवर ने मुकाबले को त्रिकोणीय मोड़ देने के लिए रणनीति के तहत प्रचार में अपना पूरा दमखम लगा दिया है। अहीर बाहुल्य महेंद्रगढ़ विधानसभा से अहीर समुदाय के राव दान, सिंह, कंवर सिंह यादव, बलवान फौजी, मनीष यादव, डा. भूप सिंह यादव मैदान में होने से यहां अहीर वोट बैंक बंटता नजर आ रहा है।

वहीं इसके बाद यहां सबसे अधिक वोट राजपूत समाज के है। राजपूत समाज को प्रदेशभर में भाजपा व कांग्रेस से उचित प्रतिनिधित्व टिकट वितरण में नहीं मिला जिस कारण राजपूत समाज एकजुट होकर अपना समर्थन राजपा प्रत्याशी राकेश तंवर को देता हुआ नजर आ रहा है। यदि ऐसा हुआ तो राजपा के राकेश तंवर मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की स्थिति में आऐंगे। राजपूत बाहुल्य गांवों में उनके द्वारा पिछले दस वर्षो से की गई जमीनी मेहनत के चलते उनकी सक्रियता व प्रभाव भी देखने को मिल रहा है।

वहीं राजपा प्रत्याशी राकेश तंवर इससे पहले कई वर्षो तक भाजपा में कार्य कर चुके है तो ऐसे में रामबिलास शर्मा की टिकट कटने के बाद वे भाजपा के पुराने व रामबिलाश शर्मा के समर्थकों को साधने में जुटे है तथा इसमें कुछ हद तक सफल भी हुए है। राकेश तंवर हलके में भाजपा प्रत्याशी के चुनाव को प्रभावित कर रहे है जबकि निर्दलीय संदीप सिंह व बलवान फौजी कांग्रेस के वोट बैंक को प्रभावित कर रहे है।

आप प्रत्याशी मनीष यादव व इनेलो-बसपा प्रत्याशी सुरेंद्र कौशिक अपने दल के वोट बैंक के बलबूते ही चुनाव जरूर लड़ रहे है परंतु वे जातिगत समीकरणों में कमजोर साबित हो रहे है। राजपा प्रत्याशी राकेश तंवर जातिगत समीकरणों के आधार पर खुद को चुनाव में अग्रणी मानकर पूरे जोर शोर से चुनावी मैदान फतह करने के प्रयास में पसीना बहा रहे है। अभी पांच दिन का समय शेष है, ऐसे में इतना अवश्य है कि जातिगत समीकरण साधने में राकेश तंवर यदि अपनी रणनीति में कामयाब होते है तो वे मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने में कामयाब जरूर होंगे तथा महेंद्रगढ़ का चुनावी रण काफी दिलचस्प स्थिति में नजर आएगा।

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