(Mahendragarh News) कनीना । जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार के कार्यक्रम के तहत जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग एवं जल एवं स्वच्छता सहायक संगठन की टीम द्वारा पेयजल व्यवस्था के संचालन एवं रख-रखाव के लिए कनीना के बीआर होटल में पीआरआई सदस्यों व ग्राम जल एवं सीवरेज समिति सदस्यों के लिए एक दिवसीय क्षमता संवर्धन प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन जिला सलाहकार मंगतु राम सरसवा की अध्यक्षता में आयोजित किया। कार्यशाला में उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए जिला सलाहकार मंगतुराम सरसवा ने बताया कि ग्रामोत्थान के लिए सबसे पहले हमें जल की प्रत्येक बूंद को सहेज कर रखना है। व्यर्थ में बह रहे पानी को रोकना जरूरी है।
पेयजल संरक्षण के लिए हर ग्राम पंचायत आए आगे: मंगतु राम सरसवा
इसके अलावा पीआरआई व ग्राम जल एवं सीवरेज समिति के सभी सदस्यों की जिम्मेदारी बनती है कि वे अपने गांव में जल प्रबंधन के लिए आगे आए व जल का समान वितरण करते हुए हर घर जल पहुंचाने का काम करे। इसके साथ-साथ उन्होंने महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए जल जीवन मिशन में शामिल की गई स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को उनके कार्यों के बारे में भी अवगत करवाया। जल जीवन मिशन के तहत गांवों में नल जल मित्र के रूप में कार्य कर रहे नलकूप चालकों से कहा कि पेयजल सप्लाई का समय निर्धारित करते हुए लॉग बुक लगवाएं ताकि जमीन से लगातार हो रहे पानी के दोहन को कम किया जा सके।
हर नल पर वॉल या टूंटी लगवाएं ताकि पानी की हर बूंद को बहने से बचाया जा सके। इसके अलावा इस तरह के कार्यक्रम ग्रामीण जल संरक्षण अभियान के तहत हर इस तरह की गतिविधियों का आयोजन गांव में भी करें ताकि हर जन तक जल संरक्षण का यह संदेश पहुंचे। कार्यक्रम के कनिष्ठ अभियंता पवन कुमार ने कहा कि पेयजल व्यवस्था के रखरखाव व संचालन के लिए विभाग के साथ-साथ सामुदायिक भागीदारी निभाने की जरूरत है इसके लिए हर ग्राम पंचायत को पहल करने की जरूरत है। पानी बचाने की यह आदत हमारे दैनिक कार्यों में शामिल हो ताकि डार्क जोन इस क्षेत्र में पानी की बूंदों को बहने से रोका जा सके। उन्होंने पेयजल व्यवस्था के रख-रखाव व संचालन के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि हमारे शास्त्रों में भी जल को देवता माना है। जल हमें जीवन देता है।
हमें अपने जीवन को बचाना है ताकि आने वाली पीढी को हमें जल के रूप में तोहफा दे सकें। इस मौके पर खंड संसाधन संयोजक धर्मेन्द्र ने बताया कि ग्रामीण भाईचारे को बनाए रखने के लिए हमें पंचायत सत्र पर ही पानी की हर समस्या को हल करना चाहिए। लोगों की सहभागिता से ही हम सफलता हासिल कर सकते हैं। वहीं लैब अटेंडेंट विकास व उनकी टीम ने जीवाणु परीक्षण किट से जल की गुणवत्ता जांचने के तरीकों के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि पानी सीधे हमारे स्वास्थ्य से जुड़ा होने के कारण समय समय पर इसकी जांच भी आवश्यक है। ग्रामीण आजीविका मिशन से कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित मनोज कुमार ने स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को जल जीवन मिशन में कार्य करने के लिए प्रेरित किया।
वहीं कनीना खंड के बीआरसी मोहित ने भूमिगत जल के अत्यधिक दोहन को रोकने के लिए आह्वान किया साथ ही सरकार द्वारा भूमिगत जल को रिचार्ज करने के दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक किसान इसका लाभ उठायें। बीआरसी मोहित कुमार ने संबोधित करते हुए कहा कि पानी खून की भांति है जिसे किसी भी फैक्ट्री में तैयार नहीं किया जा सकता इसलिए हमें इस अहम विषय पर कार्य करने के लिए एकजुट होने ही सख्त जरूरत है। इस मौके पर कनीना खंड के सरपंच, ग्राम सचिव, स्वयं सहायता समूह की महिलाएं, नलकूप चालक व ग्राम पंच उपस्थित रहे।
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