(Mahendragarh News) सतनाली। त्योहारी सीजन के दौरान दशहरा पर्व के बाद अब दीपोत्सव पर्व दीपावली की तैयारी शुरू होने लगी है। दीपावली पर्व की तिथि को लेकर हालांकि अभी संशय बना हुआ है परंतु दीपोत्सव के लिए घरों व मंदिरों में साज सज्जा व रंग रोगन का कार्य शुरू हो गया है। दीपावली पर्व को लेकर मिट्टी के दीपक भी बनाए जा रहे है।
पिछले कुछ वर्षो से आमजन में आई जागरूकता के चलते लोकल फॉर वोकल अभियान के तहत चाइनीज सामान का बहिष्कार भी होने लगा है ऐसे में लोग देश में निर्मित सामान के उपयोग में दिलचस्पी दिखा रहे है। ऐसे में मिट्टी के दीपों की मांग भी पिछले वर्षो से अधिक बढ़ी है तथा बाजार में मांग बढ़ने के साथ साथ दीपक बनाने के लिए कार्य शुरू किया गया है। मिट्टी से बने अन्य सामान, मिट्टी के गमले, सजावटी सामानों, मिट्टी के बर्तन की भी मांग अधिक होने के कारण यह भी तैयार किया जा रहे हैं।
ध्यान रहे कि गांवों से लेकर हर कस्बे व शहर में दीपावली पर्व पर पहले मिट्टी के दीपक का प्रयोग किया जाता रहा है, इससे कुंभकार समुदाय को आजीविका के साथ-साथ उनकी सांस्कृतिक विरासत भी जीवित रहती आई है। कुभकांरों की माने तो मिट्टी के दीये बनाने के लिए पहले मिट्टी आसानी से उपलब्ध हो जाती थी लेकिन अब उन्हें मिट्टी बाहर से महंगे दामों में मंगवानी पड़ती है जिससे दीये के मूल्य में भी वृद्धि होना स्वाभाविक है।
चाइनीज सामान का हो रहा बहिष्कार
दीपावली पर्व के दौरान चाइनीज सामान जैसे रंग बिरंगी लाइट, दिए, मोमबत्ती आदि की मांग अधिक होने के कारण दिन प्रतिदिन छोटे व्यापारियों की आर्थिक स्थिति कमजोर होती जा रही है। लेकिन पिछले वर्षो से चाइनीज सामान के बहिष्कार के अभियान के तहत स्वदेशी सामान की मांग बढी है तथा यहीं कारण है कि लोग अब स्वदेशी सामान के प्रयोग के प्रति जागरूक हो रहे है।
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