नीरज कौशिक, Mahendragarh News: हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ में हिंदी विभाग की साहित्य समिति के तत्वावधान में अमित मनोज की आठ दिवसीय कविता पोस्टर प्रदर्शनी का उद्घाटन हुआ।
आमजन को जागरूक करने के लिए कविता अहम
इस आयोजन में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की, जबकि विश्वविद्यालय के नवाचार एवं उद्भवन केंद्र की संयोजक प्रो. सुनीता श्रीवास्तव तथा विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. सुनील कुमार ने विशिष्ट अतिथि के रूप में कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने कहा कि आमजन को जागरूक करने में कविता की भूमिका अहम है। यह कार्यक्रम आजादी के अमृत महोत्सव में आयोजित सभी कार्यक्रमों से अलग है।
जज्बे से रूबरू होने का अवसर
आजादी के अमृत महोत्सव के तहत स्वाधीनता संग्राम और कविता विषय पर आयोजित इस कविता पोस्टर प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए कुलपति ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में स्वतंत्रता सेनानियों व जनता में आजादी की लौ जलाने में कविताओं की अपनी एक अलग भूमिका रही है। इस प्रदर्शनी के माध्यम से आज उसी जज्बे से रूबरू होने का अवसर मिला। इसके लिए उन्होंने साहित्य समिति के सभी सहभागियों को आयोजन के लिए बधाई दी।
कविताओं को पढ़कर मन में देशभक्ति व देशप्रेम की भावना
विश्वविद्यालय के कुलसचिव व कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि प्रो. सुनील कुमार ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम को कविता प्रदर्शनी के माध्यम से व्यक्त करने की सोच की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह उनके लिए एक अलग अनुभव रहा। इसी क्रम में विश्वविद्यालय के नवाचार एवं उद्भवन केंद्र की संयोजक व कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि प्रो. सुनीता श्रीवास्तव ने प्रदर्शनी को सभी के लिए प्रेरणादायी बताया।
विश्वविद्यालय के मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान पीठ के अधिष्ठाता प्रो. चंचल कुमार शर्मा ने कहा कि साहित्य समिति के समन्वयक डॉ. अमित मनोज ने अपनी लेखन कला का जो परिचय दिया है वह प्रशंसनीय है। प्रदर्शनी में लगी कविताओं को पढ़कर मन में देशभक्ति व देशप्रेम की भावना को बल मिलता है। उन्होंने कहा कि सांप्रदायिक सद्भाव हमारे देश की आत्मा है, जिसे हम सभी को मिलकर जीवित रखना है और मजबूत बनाना है।
40 से अधिक पोस्टरों को प्रदर्शित किया
साहित्य समिति के समन्वयक डॉ. अमित मनोज ने बताया कि इस पोस्टर प्रदर्शनी में 40 से अधिक पोस्टरों को प्रदर्शित किया गया है, जिनमें रवींद्रनाथ टैगौर, जयशंकर प्रसाद, भारतेंदु हरिश्चंद्र, अल्ताफ हुसैन हाली, सोहन लाल द्विवेदी, रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खाँ, सुभद्रा कुमारी चौहान आदि कवियों की रचनाएं प्रमुख हैं। आजादी के अमृत महोत्सव अभियान के तहत आगामी 15 अगस्त तक चलने वाली इस प्रदर्शनी पर अपने विचार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि साहित्य जनभावनाओं की अभिव्यक्ति होता है।
आज़ादी की लड़ाई में कविताओं ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई
स्वाधीनता संग्राम में हमारे रचनाकारों ने अपनी कलम के माध्यम से देश की जनता में जोश भरने का कार्य किया। आज़ादी की लड़ाई में जिन कविताओं ने अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई, उन कविताओं को पोस्टर के रूप में प्रदर्शित करना इस कविता पोस्टर प्रदर्शनी का उद्देश्य है। आठ दिवसीय यह प्रदर्शनी आज़ादी के अमृत महोत्सव को एक नया आयाम प्रदान करती है।
कार्यक्रम में सक्रिय भागीदारी
कार्यक्रम का संचालन हिंदी विभाग के सहायक आचार्य डॉ. सिद्धार्थ शंकर राय ने किया। प्रदर्शनी के आयोजन में साहित्य समिति के पदाधिकारी आकाश भारती, हिमांशु, बबली यादव, विकास, मनोज, सेवानंद, नंदनी राठौड़, गोविंद, नितेश सहित विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के विद्यार्थियों और शिक्षकों ने सक्रिय भागीदारी की।