(Mahendragarh News) नारनौल। पेड़ प्राकृतिक फिल्टर के रूप में कार्य करते हैं, हानिकारक गैसों को अवशोषित करते हैं और ऑक्सीजन छोड़ते हैं। स्कूलों में पेड़ लगाकर, हम छात्रों और कर्मचारियों के लिए स्वच्छ और स्वस्थ हवा बनाते हैं। उक्त विचार आज इको क्लब नांगल दर्गु के सौजन्य से पेड़ लगाओ अभियान के तहत पीएम श्री सीनियर सेकेंडरी स्कूल की प्राचार्य श्रीमती कैलाश यादव ने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि पेड़ श्वसन संबंधी समस्याओं को कम करते हैं और अधिक अनुकूल शिक्षण वातावरण बनाते हैं। हमारे समाज में पेड़ लगाना बहुत महत्वपूर्ण है, खासकर तब जब इसे स्कूलों और कॉलेजों जैसे शैक्षणिक संस्थानों में शामिल किया जाता है। वृक्षारोपण की महत्वपूर्ण भूमिका को पहचानते हुए, स्कूलों ने अपने पर्यावरण को बेहतर बनाने और छात्रों और कर्मचारियों को कई लाभ प्रदान करने के लिए इस अभ्यास को अपनाना शुरू कर दिया है।
पेड़ लगाने से न केवल परिसर की सुंदरता बढ़ती है, बल्कि पढ़ाई का माहौल भी बेहतर होता है
उन्होंने बताया कि आज के शैक्षणिक परिवेश में एक स्थायी और समृद्ध वातावरण बनाने में पेड़ लगाना महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। स्कूलों और कॉलेजों में वृक्षारोपण पर जोर देकर, हम छात्रों में पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी की भावना को बढ़ावा देते हैं, प्रकृति के महत्व के प्रति उनकी समझ और प्रशंसा को बढ़ावा देते हैं।इस अवसर पर ईको क्लब के प्रभारी योगेंद्र कुमार प्रवक्ता ने बताया कि स्कूलों में पेड़ लगाने से न केवल परिसर की सुंदरता बढ़ती है, बल्कि पढ़ाई का माहौल भी बेहतर होता है। पेड़ों की मौजूदगी से ताजी हवा का संचार होता है और वायु प्रदूषण से निपटने में मदद मिलती है, जिससे छात्रों की एकाग्रता और शैक्षणिक प्रदर्शन में सुधार होता है।
स्कूलों में पेड़ों की मौजूदगी से व्यक्तियों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। अध्ययनों से पता चला है कि प्रकृति के संपर्क में आने से मूड बेहतर होता है, तनाव का स्तर कम होता है और ध्यान अवधि बढ़ती है। पेड़ों से भरे परिसर छात्रों और कर्मचारियों को शांतिपूर्ण और शांत वातावरण प्रदान करते हैं, जिससे सीखने और व्यक्तिगत विकास के लिए सकारात्मक माहौल बनता है।
पेड़ लगाने से अमूल्य शैक्षिक अवसर मिलते हैं।
इस अवसर पर उप प्रधानाचार्य अनिल कुमार ने बताया कि स्कूलों में पेड़ लगाने से अमूल्य शैक्षिक अवसर मिलते हैं। छात्र पेड़ों के जीवन चक्र,जैव विविधता के महत्व और पारिस्थितिकी तंत्र की परस्पर निर्भरता के बारे में जान सकते हैं। वृक्षारोपण गतिविधियों में भाग लेने से, छात्रों में पर्यावरण संरक्षण की गहरी समझ विकसित होती है, जिससे प्रकृति के संरक्षण और सुरक्षा के लिए आजीवन प्रतिबद्धता विकसित होती है। उन्होंने कहा कि वृक्षारोपण गतिविधियों में भाग लेने से, छात्रों में पर्यावरण संरक्षण की गहरी समझ विकसित होती है, जिससे प्रकृति के संरक्षण और सुरक्षा के लिए आजीवन प्रतिबद्धता विकसित होती है।स्कूलों और कॉलेजों में पेड़ लगाना भविष्य में निवेश है, इससे एक स्थायी वातावरण बनता है और छात्रों, कर्मचारियों और समुदाय को कई लाभ मिलते हैं। इस अवसर पर विद्यालय स्टाफ सदस्य भी उपस्थित थे।