Mahendragarh News : अस्पताल की लापरवाही के खिलाफ कुलपति को सौंपा ज्ञापन

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Memorandum submitted to the Vice Chancellor against the negligence of the hospital
विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार को ज्ञापन देते हुए शिक्षक व कर्मचारी।
  • हकेवि के शिक्षकों ने कुलपति से मुलाकात कर आर्टेमिस अस्पताल, 

(Mahendragarh News) महेंद्रगढ़। हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ के कंप्यूटर विज्ञान एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग में सहायक आचार्य डॉ. सुनील कुमार के पुत्र वेदांश की असमय मृत्यु को लेकर सोमवार को विश्वविद्यालय के करीब 127 शिक्षकों ने कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार से मुलाकात की। शिक्षकों का आरोप है कि बोनमेरो टेस्ट के लिए डॉ. सुनील कुमार अपने पुत्र को विश्वविद्यालय के पैनल में उपलब्ध आर्टेमिस अस्पताल, गुरुग्राम ले गए। डॉ. सुनील ने आरोप लगाया कि डाक्टरों की लापरवाही के चलते वेदांश की मौत हो गई। शिक्षकों ने कुलपति को ज्ञापन सौंपते हुए मामले की गंभीरता से अवगत कराया और इस प्रकरण में आवश्यक कार्यवाही के लिए गुहार लगाई। विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने शिक्षकों को इस प्रकरण में अस्पताल के विरुद्ध आवश्यक कार्यवाही का आश्वासन दिया। डॉ. सुनील कुमार ने इस मौके पर बताया कि उनका पुत्र वेदांश जो मात्र तीन साल का था। उसे बीती 08 जुलाई को बोनमेरो टेस्ट के लिए अस्पताल में भर्ती कराया था।

डॉ. सुनील का आरोप है कि एक सामान्य सी जांच के लिए भर्ती कराए गए उनके पुत्र को डाक्टरों के द्वारा किए गए गलत ईलाज के परिणामस्वरूप मौत का शिकार होना पड़ा। डॉ. सुनील ने बताया कि अपने ईलाज के दौरान अस्पताल की डॉ. सुकृति गुप्ता, डॉ. गौरव दीक्षित व डॉ. शशीकांत सिंह ने कुल 89 टेस्ट किए जो कि शायद अपने तरह का अकेला मामला होगा जब इतने छोटे बच्चे पर इतने टेस्ट किए गए हों और यहां हैरानी की बात यह थी कि डाक्टरों ने इतनी जल्दबाजी दिखाई कि बोनमेरो टेस्ट की रिपोर्ट का भी इंतजार नहीं किया। डॉ. सुनील ने अस्पताल के नर्सिंग स्टॉफ पर उनके बेटे को गलत ईलाज और दवाओं का ओवरडोज दिए जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी लापरवाही के चलते उनके बच्चे का दिमाग फेल हो गया और उसके दोनों पैरों ने काम करना बंद कर दिया। बावजूद इसके इन डाक्टरों द्वारा परिवारजनों को अंधेरे में रखा गया। कुलपति से मुलाकात के दौरान डॉ. सुनील व उनके साथी शिक्षकों ने इस प्रकरण में अस्पताल के द्वारा बरती गई लापरवाही को चिंताजनक बताते हुए कहा कि इस मामले की गंभीरता को देखते हुए आवश्यक हो जाता है कि विश्वविद्यालय प्रशासन अस्पताल और उसके साथ विश्वविद्यालय के करार पर पुनर्विचार कर उचित कार्यवाही सुनिश्चित करें। कुलपति ने ध्यानपूर्वक शिक्षकों की बात सुनने के बाद आवश्वासन दिया कि वे इस प्रकरण में आवश्यक कार्यवाही करेंगे। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की समकुलपति प्रो. सुषमा यादव व कुलसचिव प्रो. सुनील कुमार भी उपस्थित थे।

 

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