(Mahendragarh News) महेंद्रगढ़। महेंद्रगढ़ के गांव माधोगढ़ निवासी लवेश शर्मा उर्फ छोटा टाइगर जिन्होंने अपनी छोटी सी उम्र में मेहनत एवं लगन से देश में जिमनास्टिक एवं ताइकमांडो में अपना परचम लहराया है आज उनके पिताजी मनोज शर्मा एवं दादा जगदीश प्रसाद शर्मा माधोगढ़ निवासी एवं उनके नाना प्रसिद्ध समाजसेवी सूर्य प्रकाश कौशिक ने बताया कि लवेश शर्मा ने बचपन से ही अपने शरीर को इस तरह से ढाल लिया है कि वह जिमनास्टिक व ताईकमांडो में परफेक्ट है उनके प्रशिक्षण में उनके सर्वप्रथम गुरु उनके पिता मनोज शर्मा है।
एवं उसके पश्चात फिल्म इंडस्ट्रीज के मशहूर अभिनेता टाइगर श्रॉफ का पूरा योगदान है, छोटा टाइगर को ताईकवांडो उनके गुरु गुरदित सिंह ने शिखाया है, उनके जिमनास्टिक्स के गुरु राहुल सूर्यवंशी है, और जो टाइगर के सबसे मेंटोर है वो कुलदीप शशी है जिन्होने टाइगर को फ्री में अपनी जिम फ्लाइजोन फिटनेस में सिखाया है आज इसको छोटे टाइगर के नाम से जाना जाता है इंस्टाग्राम एवं फेसबुक पर इस बच्चे के लाखों फॉलोअर्स है उन्होंने अपने इस छोटे से जीवन काल में इतना कमाल कर दिया कि आज उन्होंने 10 से ज्यादा पदक लेकर एशिया व भारत में अपना नाम दर्ज करवा दिया है यह महेंद्रगढ़ जिले के लिए गौरव की बात है।
यह 5 साल का बच्चा है जो 2 साल की उम्र से दिन में दो बार बहुत कठिन प्रशिक्षण लेता है। उसकी सुबह की शुरुआत ताइक्वांडो प्रशिक्षण से होती है और दिन की समाप्ति शाम को जिम्नास्टिक प्रशिक्षण के साथ होती है। उनके पिता मनोज शर्मा, लवेश के पहले शिक्षक रहे हैं, जिन्होंने उन्हें कोविड के समय में तायक्वोंडो और जिमनास्टिक दोनों की बुनियादी प्रशिक्षण शुरू करने में मदद की।
कोविड के बाद लवेश ने तायक्वोंडो और जिमनास्टिक के लिए पेशेवर प्रशिक्षण शुरू किया। उनके पिता ने अपने बच्चे की सुरक्षा और सफलता सुनिश्चित करने के लिए कोच और बुनियादी ढांचे के मामले में सर्वोत्तम सुविधाएं उपलब्ध कराईं। अपने अब तक के सफर में लवेश ने दस रिकॉर्ड बनाए हैं, जिनमें से पांच इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स 2023-2024 में शामिल हैं।
एक बच्चे द्वारा अधिकतम 30 सेकंड में राउंडहाउस ड्रॉप किक। दूसरा एक बच्चे द्वारा लगाई गई सबसे ऊंची छलांग।
तीसरा किसी बच्चे द्वारा लगाई गई सबसे लंबी छलांग। चौथा एक मिनट में एक बच्चे द्वारा किया गया अधिकतम बैकफ्लिप। एवं पांचवा एक बच्चे द्वारा 30 सेकंड में अधिकतम सिंगल लेग तायक्वोंडो किक का प्रदर्शन।
हर सफल आदमी के पीछे एक महिला होती है और इतने छोटे बच्चों के पीछे, समर्थन, प्रोत्साहन और पालन-पोषण करने वाली निश्चित रूप से एक मां होती है। लवेश की मां रितिका शर्मा ने हर समय उसके पोषण, नींद और स्वास्थ्य का ख्याल रखने में पालन-पोषण की भूमिका निभाई। ये रिकॉर्ड 4 साल की उम्र में बनाए गए थे। जब बाकी बच्चे स्कूलों में अपना नाम दर्ज कराकर शिक्षा के क्षेत्र में अपनी यात्रा शुरू करते हैं, लवेश पहले ही भारत और एशिया में अपना नाम दर्ज करा चुके हैं। इस बात को लेकर महेंद्रगढ़ शहर में खुशी की लहर है और लोगों ने बेटे लवेश शर्मा के उज्जवल भविष्य की कामना की है।
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