Mahendragarh News : हकेंवि में कोसंबी विज्ञान महोत्सव का आयोजन

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Mahendragarh News : हकेंवि में कोसंबी विज्ञान महोत्सव का आयोजन
अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार के साथ विशेषज्ञ एवं आयोजक।
  • आठ दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी श्रृंखला में शामिल होंगे प्रतिष्ठित विशेषज्ञ

Mahendragarh News | नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़ | हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ में प्रो. डी.डी. कोसांबी की जयंती के अवसर कोसांबी विज्ञान महोत्सव के अंतर्गत आठ दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी श्रृंखला का आयोजन किया जा रहा है। संगोष्ठी श्रृंखला का उद्घाटन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने सरस्वती पूजा व दीप प्रज्जवलन कर किया।

कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने विज्ञान के क्षेत्र में भारतीय पारंपरिक ज्ञान और भारतीय वैज्ञानिकों के योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने दुनिया की जटिलताओं को समझने में बहुविषयक अनुसंधान पर जोर दिया।कुलपति ने अपने संबोधन में रामायण और महाभारत से उदाहरण देकर बताया कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण का उपयोग करके ऐतिहासिक घटनाओं की व्याख्या कैसे की जा सकती है।

आयोजन में स्कूल आॅफ इंटरडिसिप्लिनरी एंड एप्लाइड साइंसेज (एसआईएएस) के डीन और कार्यक्रम के संयोजक, डॉ. दिनेश कुमार गुप्ता ने बहुविषयक दृष्टिकोणों के अपने अनुभव प्रतिभागियों से साझा किए। उन्होंने डॉ. डी.डी. कोसांबी एवं डॉ. एस.आर. रंगनाथन के भारतीय इतिहास, गणित, सांख्यिकी, अनुवांशिकी एवं पुस्तकालय सहित विभिन्न क्षेत्रों में योगदान पर विस्तार से अवगत कराया।

कार्यक्रम के आयोजन सचिव डॉ. रुपेश देशमुख ने आठ दिवसीय इस आयोजन की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने पौधों के जीनोमिक्स में प्रसिद्ध विशेषज्ञ, डॉ. हुमीरा सोनाह द्वारा आयोजित दो कार्यशालाओं का विवरण साझा किया। पहली कार्यशाला जीनोम-वाइड एसोसिएशन स्टडीज (जीडब्ल्यूएएस), क्यूटीएल मैपिंग (क्यूटीएल), और जीनोमिक चयन पर केंद्रित होगी, जबकि दूसरी कार्यशाला में पौधों में जीनोम एडिटिंग का व्यावहारिक अनुभव दिया जाएगा।

कार्यक्रम के आयोजन सचिव पोषण जीवविज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. कांति प्रकाश और जैव रसायन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. पवन कुमार मौर्य ने बताया कि कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में 150 से अधिक शोधार्थियों व विद्यार्थियों ने प्रतिभागिता की।

अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी के पहले व्याख्यान का संचालन नेशनल इंस्टीट्यूट आॅफ प्लांट जीनोम रिसर्च (एनआईपीजीआर), नई दिल्ली की वैज्ञानिक डॉ. अश्वर्या लक्ष्मी ने किया। उन्होंने फसल सुधार के लिए पौधों की जड़ संरचना के महत्त्व पर चर्चा की। इसी क्रम में अमिटी विश्वविद्यालय के डॉ. दुर्गेश त्रिपाठी ने पौधों में सिलिकॉन की भूमिका और फसल उत्पादन को बढ़ाने के लिए सिलिकॉन उर्वरकों के संभावित उपयोग के बारे में बताया।

पहले सत्र के समापन पर डॉ. नम्रता ढाका ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। इस अवसर पर माइक्रोबायोलॉजी विभाग के प्रमुख प्रो. सुरेंद्र सिंह, फार्मास्युटिकल साइंस विभाग के प्रमुख डॉ. दिनेश कुमार, जैव रसायन विभाग के प्रो. अंतरेश कुमार, डॉ. मुलका मारुति, डॉ. सौरभ सक्सेना, पोषण जीवविज्ञान विभाग से डॉ. तेजपाल धेवा, डॉ. उमेश कुमार, डॉ. विद्युल्लथा पेद्दिरेड्डी, जैव प्रौद्योगिकी विभाग से डॉ. इंदरजीत कौर, डॉ. राम गोपाल निठरवाल, डॉ. रवि कुमार सहित विभिन्न विभागों के संकाय सदस्य उपस्थित रहे।

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