Mahendragarh News : हकेवि में स्मार्ट इंडिया हेकाथन के लिए इंटरनल हेकाथन आयोजित

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Internal Hackathon organized for Smart India Hackathon at hakevi
दीप प्रज्जवलन कर इंटरनल हेकाथन का उद्घाटन करते कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार।

(Mahendragarh News) महेंद्रगढ़। हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ में मंगलवार को इंटरनल हेकाथन का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय के इंटरप्रिंयोर सेल व सेंटर फॉर इनोवेशन एंड इंक्यूबेशन के द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षा मंत्रालय व एआईसीटीई के द्वारा आयोजित होने वाले स्मार्ट इंडिया हेकाथन 2024 हेतु योग्य प्रतिभाओं को अवसर प्रदान करना था। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने इस कार्यक्रम का शुभांरभ करते हुए युवाओं को समाज हित में बड़ी सोच के साथ प्रयास करने के लिए प्रेरित किया।

कुलपति ने कहा कि जब तक आपके द्वारा प्रस्तुत समाधान एक बड़े वर्ग को प्रभावित नहीं करेगा तब तक वह एक उत्कृष्ट प्रयास के रूप स्थापित नहीं होगा। विश्वविद्यालय में आयोजित इस कार्यक्रम हेतु विशेषज्ञ के रूप में आईएमएस, नोएडा से प्रो. विकास धवन व आचार्य नरेंद्र देव कॉलेज, नई दिल्ली से प्रो. संजय बोहरा उपस्थित रहे। दोनों ने ही विश्वविद्यालय के लगभग 200 विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत विभिन्न प्रस्तावों पर अपने विचार देते हुए कहा कि विद्यार्थियों ने इस आयोजन हेतु सराहनीय प्रयास किए हैं। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्जवलन के साथ हुई।

विद्यार्थी ऐसी समस्याओं के समाधान की ओर अग्रसर हों, जिनका सीधा सरोकार आम जनमानस से

इसके पश्चात इंटरप्रिंयोर सेल व कार्यक्रम की संयोजक प्रो. सुनीता तंवर ने स्वागत भाषण प्रस्तुत करते हुए विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार, समकुलपति प्रो. सुषमा यादव, इंस्टीट्यूट इनोवेशन काउंसिल (आईआईसी) की अध्यक्ष प्रो. सुनीता श्रीवास्तव व सेंटर फॉर इनोवेशन एंड इंक्यूबेशन के निदेशक प्रो. आशीष माथुर के प्रति आभार व्यक्त किया। विश्वविद्यालय कुलपति ने अपने संबोधन में विशेष रूप से विद्यार्थियों को इस आयोजन की महत्ता से अवगत कराते हुए कहा कि विश्वविद्यालय नवाचार की दिशा में निरंतर प्रयासरत है और अब समय आ गया है कि विद्यार्थी ऐसी समस्याओं के समाधान की ओर अग्रसर हों, जिनका सीधा सरोकार आम जनमानस से है। कुलपति ने अपने संबोधन में विश्वविद्यालय की ओर से इस दिशा में जारी प्रयासों का उल्लेख करते हुए बताया कि हम मौजूदा समय में करीब 13 प्रोजेक्ट्स को विकसित करने में सहयोग प्रदान कर रहे हैं। यह आयोजन भी विद्यार्थियों के बीच ऐसी ही मनोवृत्ति के विकास एव उसके पोषण में मददगार होगा।

हमारे पास इंटरप्रिंयोरशिप और नवाचार को बढ़ावा देने हेतु बेहद उपयुक्त वातारण

विश्वविद्यालय की समकुलपति प्रो. सुषमा यादव ने समस्या और उसके समाधान के विषय में विद्यार्थियों का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि यह आयोजन परीक्षा प्रतियोगिता से इतर एक ऐसा मंच है जो कि बड़े स्तर पर कुछ नया करने का अवसर देता है। जरूरी है कि हम विचार करें कि हमारे द्वारा प्रस्तुत उपाय जनमानस में उपस्थित समस्या का समाधान बन सके। इससे पूर्व में इंस्टीट्यूट इनोवेशन काउंसिल (आईआईसी) की अध्यक्ष प्रो. सुनीता श्रीवास्तव ने कहा कि भारत की 65 फीसदी से अधिक आबादी युवाओं की हैं, ऐसे में हमारे पास इंटरप्रिंयोरशिप और नवाचार को बढ़ावा देने हेतु बेहद उपयुक्त वातारण है। उन्होंने विद्यार्थियों को कौशल विकास व उद्यमिता विकास के माध्यम से देश की प्रगति में योगदान देने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर उन्होंने विश्वविद्यालय कुलपति द्वारा विद्यार्थियों के हर सकारात्मक सुझाव का स्वागत करने के लिए उनके प्रति आभार व्यक्त किया।

कार्यक्रम के अंत में प्रो. आशीष माथुर ने धन्यवाद ज्ञापित किया और गणमान्य अतिथियों, विशेषज्ञों का आभार जताते हुए आयोजन समिति के सदस्यों में शामिल आयोजन के सहसंयोजक डॉ. मुरलीधर नायक भूक्या, सहसमन्वयक डॉ. नीलम, डॉ. सुनील कुमार, प्रो. आनंद शर्मा, प्रो. राजेंद्र प्रसाद मीणा, प्रो. पायल चंदेल, डॉ. रश्मि तंवर, डॉ. अजयपाल, डॉ. अभिरंजन, डॉ. विशाल पसरीचा, डॉ. अजय कुमार, डॉ. दिव्या व डॉ. पवित्रा कुमारी के योगदान की भी सराहना की।

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