Mahendragarh News : मौत के बाद भी जिंदा रहना है तो करें अंगदान: डॉ. मेजर सूरत सिंह

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If you want to remain alive even after death, then donate organs: Dr. Major Surat Singh
जागरूकता कार्यक्रम में अपने विद्यार्थियों को संबोधित कर डॉ. मेजर सूरत सिंह।

(Mahendragarh News) महेंद्रगढ़।  मौत के बाद भी अगर आप किसी के काम आ सकें तो इससे बढिया और क्या हो सकता है। मौत के बाद अगर आपका दिल किसी सीने में धड़के तो इससे बड़ी बात क्या हो सकती है। आपकी मौत के बाद आपकी आंखें फिर से इस हसीन दुनिया को निहारें इससे सुंदर क्या हो सकता है। ये सब संभव है, लेकिन तब जब आप ऐसा नेक और सराहनीय काम के लिए आगे आएंगे जिसके बाद दुनियां आपको याद करेगी। आपके इस बेहद ही महान कार्य को दुनिया सलाम करेगी, आप खुद अंगदान करें और दूसरों को भी अंगदान के लिए प्रेरित करें। यह कहना है शरबती ग्रुप ऑफ इंस्टिट्यूशन महेंद्रगढ़ के चेयरमैन डॉक्टर मेजर सूरत सिंह का । वें शुक्रवार को पीजीआइएमएस रोहतक की स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यूट्रांससप्लांट आर्गेनाइजेशन द्वारा शरबती नर्सिंग कॉलेज महेंद्रगढ़ में आयोजित किए गए जागरूकता कार्यक्रम में अपने विद्यार्थियों को संबोधित कर रहे थे। डॉक्टर मेजर सूरत सिंह ने कहा कि अंगदान जैसा महादान हो ही नहीं सकता। अंगदान कर आप किसी को नया जीवन दे सकते हैं, आप किसी के चेहरे पर फिर से मुस्कान ला सकते हैं। आप किसी को फिर से ये दुनिया दिखा सकते हैं। डॉ. सूरत ने बताया कि आज करीब 300 विद्यार्थियों ने इस व्याख्यान में हिस्सा लिया। कॉलेज की सेक्रेटरी डॉक्टर रेनू यादव ने कहा कि अंगदान करके आप फिर किसी की जिंदगी को नई उम्मीद से भर सकते हैं।

एक व्यक्ति के अंगदान से 8 से 9 मरीजों की जिंदगी के बचने की संभावना

उन्होंने कहा कि पीजीआईएमएस रोहतक के सोटो हरियाणा द्वारा जो यह प्रदेश के लोगों को अंगदान के प्रति जागरूक करने का अभियान चलाया जा रहा है वह काफी सराहनीय है। डॉ. रेनू यादव ने बताया कि cहै, ऐसे में लोगों को इसके लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने बताया कि ऑर्गन डोनेशन क्या होता है।  शरबती नर्सिंग कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एबी वर्गीस ने बताया कि अंगदान को लेकर लोगों में काफी अंधविश्वास है, खासतौर पर ग्रामीण इलाकों में लोगों में जागरूकता की कमी है। हालांकि पिछले कुछ सालों से डोनेशन करने वाले लोग बढ़े हैं, लेकिन अभी ये जरूरत के हिसाब से काफी कम है। उन्होंने बताया कि कोई भी स्वस्थ व्यक्ति अंगदान कर सकता है। व्यक्ति किडनी, लंग्स, हार्ट, लिवर और आंतों को डोनेट कर सकता है।  डॉ. एबी वर्गीस ने बताया कि लोगों को समझना होगा कि अंगदान के कितने फायदे हैं, इससे एक व्यक्ति कई मरीजों की जान बचा सकता है।  डॉ. एबी ने बताया कि कुछ बच्चे आधार कार्ड न होने के चलते अंगदान का फॉर्म नहीं भर पाए हैं जो आज शाम तक घर जाकर अपना फॉर्म भर देंगे। पीजीआई के सोटो आइईसी कंसलटेंट राजेश भड़ ने बताया कि शरबती कॉलेज ने आज यह अंगदान पर जागरूकता कार्यक्रम करवा कर बहुत सराहनीय कार्य किया है।

उन्होंने बताया कि कॉलेज के विद्यार्थियों ने आज हरियाणा में एक नया ऑनलाइन फॉर्म भरने का नया रिकॉर्ड बनाते हुए 1 दिन में अंगदान के करीब 139 शपथ पत्र भरे हैं जो आज पूरे उत्तर भारत में आज के दिन में सबसे अधिक आनलाइन शपथ पत्र भरने वालों की संख्या में शरबती नर्सिंग कॉलेज के विद्यार्थी पहले स्थान पर रहे, इसके लिए वे समस्त कॉलेज की फैकल्टी में विद्यार्थियों का धन्यवाद व्यक्त करते हैं। राजेश कुमार ने बताया कोई भी अंगदान का इच्छुक व्यक्ति नोटो की वेबसाइट पर जाकर या पीजीआई रोहतक के सोटो कार्यालय में आकर अंगदान का शपथ पत्र भर सकता है। सोटो की ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर दीप्ति खरब ने बताया कि अब सरकार ने ऑर्गन डोनेशन के नियमों में काफी बदलाव किया है, इससे अब अंगदान करना काफी आसान हो गया है। ऑर्गन डोनेशन को लेकर वन नेशन पॉलिसी लागू की गई है। दीप्ति खरब ने सभी विद्यार्थियों से अपील करते हुए कहा कि आज उन्हें यह अंगदान की मुहिम यही तक नहीं रखनी है बल्कि अपने घर व अपने आसपास के लोगों को जाकर अंगदान के लिए जागरूक करना है।

दिप्ती खरब ने बताया कि अंगदान को लेकर ये गलत धारणाएं है:-

  1. मेरे धर्म में ऑर्गन डोनेट करने पर रोक है
  2. मृत्यु के बाद ही अंगदान किया जा सकता है
  3. ब्रेन डैथ के बाद अंगों की चीर-फाड़ होती है
  4. मैं ऑर्गन खरीद सकता हूं, मुझे अंगदान की आवश्यकता नहीं है

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