- सब्जी उत्पादन मसाले (मेथी) तथा बीज उत्पादन पर मिलेगा प्रति एकड़ 15 हजार का अनुदान
- पॉलीहाऊस व नैट हाऊस पर 50 से 85 फीसदी अनुदान दे रही सरकार
(Mahendragarh News) नारनौल। राज्य सरकार का प्रयास है कि जिला महेंद्रगढ़ किसान परंपरागत खेती छोड़कर बागवानी की ओर बढ़े। इसी कड़ी में बागवानी विभाग की ओर से आज खंड निजामपुर के गांव बायल में बागवानी जागरूकता कैम्प का आयोजन किया। जिला उद्यान अधिकारी डॉ. प्रेम कुमार ने मेरी फसल मेरा ब्यौरा, मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना एवं अन्य विभागीय योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस जागरूकता कैंप का मुख्य उद्देश्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विभाग की योजनाओं के बारे में किसानों को तकनीकी जानकारी देना है ताकि किसान ज्यादा से ज्यादा विभागीय योजनाओं का लाभ ले सकें व बागवानी से संबंधित किसी भी योजना का लाभ लेने के लिए मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण करवाना अनिवार्य है।
किसानों को सब्जी उत्पादन मसाले (मेथी) तथा बीज उत्पादन पर प्रति एकड़ 15 हजार रुपए की राशि का अनुदान दिया जा रहा है। बागवानी विभाग की योजना पहले आओ पहले पाओ के आधार पर आधारित है। किसान मसाले उत्पादन मेथी पर अधिकतम 10 एकड़ तक लाभ ले सकते हैं। विभाग की तरफ से पॉलीहाऊस नैट हाऊस पर 50 प्रतिशत अनुदान सामान्य वर्ग, 85 प्रतिशत अनुसूचित जाति व ऐसे किसान जो लीज पर जमीन लेकर पॉली हाऊस व नैट हाऊस स्थापित करना चाहता है उनके लिए 65 प्रतिशत तक अनुदान का प्रावधान है।
स्कीम का लाभ लेने के लिए लगेंगे ये दस्तावेज
मेरी फसल मेरा ब्यौरा के पंजीकरण व बागवानी विभाग की स्कीम का एचओआरटी डॉट जीओवी डॉट इन पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन आवेदन पत्र के प्रिंटआउट की एक कॉपी, बागवानी विभाग की स्कीम का आवेदन पत्र, एक पासपोर्ट साईज फोटो, फैमिली आईडी, आधार कार्ड, पैन कार्ड की एक फोटो कॉपी, जमाबंदी, फर्द, इंतकाल की पटवारी द्वारा कम्पेयर की हुई ओरिजनल की फोटो कॉपी व जमीन का सिजरा और पटवारी द्वारा की गई जमीन की तस्दीक रिपोर्ट और विभागीय शपथ-पत्र, अनुसूचित जाति (एससी) के किसान अपना अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्र की फोटो कॉपी भी आवेदन पत्र के साथ लगाएं। बैंक खाते की एक फोटो कॉपी जिसमें किसान का नाम, पता, खाता संख्या, बैंक ब्रांच का नाम व आईएफएससी कोड भी साफ-साफ अक्षरों में अकिंत होना चाहिए। आधार कार्ड का किसान के बैंक खाते से लिंक होना अनिवार्य है।
सूत्र कृमि रोकने के लिए स्वस्थ नर्सरी पौध का करें प्रयोग
कृषि विज्ञान केंद्र से वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. राजपाल ने बताया कि अमरूद के नए बागों में सूत्र कृमि को फैलने से रोकने के लिए स्वस्थ नर्सरी पौध (बिना जड़-गांठ वाली) का प्रयोग करें। बागों को खरपतवार रहित रखें क्योंकि यह सूत्र कृमि बहुत से खरपतवारों पर भी पनपता है। नींबू वर्गीय पौधो के लिए नींबू वर्गीय पौधो के तनों के आसपास 9 वर्ग मीटर क्षेत्र में कार्बोफ्यूरान (फ्यूराडान 3जी) दवाई 13 ग्राम प्रति वर्ग मीटर की दर से डालें। नीम की खली एक किलोग्राम प्रति पौध तथा कार्बोफ्यूरान 3 जी दवाई 7 ग्राम प्रति वर्ग मीटर मिट्टी में मिलाकर पर्याप्त पानी लगाएं। खली व दवाई का प्रयोग फूल आने से पहले करना चाहिए।
उन्होंने बताया कि प्याज, लहसुन आदि पर सूत्र कृमि नहीं पनपता है। इन सब्जियों को फसल चक्र में उगाए।
नए खेतों में सूत्र कृमि को फैलने से रोकने के लिए स्वस्थ नर्सरी (पौध) का प्रयोग करें।
टमाटर की नर्सरी में जड-गांठ सूत्र कृमि के नियंत्रण के लिए नीम की खली 750 ग्राम प्रति वर्ग मीटर की दर से बिजाई के सात दिन पहले मिटटी में मिलाकर हल्का पानी दें।
ऐसे करें पॉलीहाऊस व नैट हाऊस में सूत्र कृमि की समस्या का प्रबंधन
पिछली फसल के पौधों का जड़ सहित हटाकर नष्ट कर दें।गर्मियों के महिनों में गहरी जुताई करके सौर तापीकरण करें। इसके लिए पॉली हाऊस में हल्की सिंचाई देकर 25 माईक्रोन मीटर मोटी पारदर्शी पॉलीथीन शीट से गर्मियों में 15 से 20 दिनों के लिए ढक कर, किनारों को अच्छी तरह मिट्टी से दबाकर वायु अवरूद्ध कर दें। किसान पॉलीहाऊस में सब्जियों को लगाने से पहले मिट्टी की सूत्र कृमि के लिए जांच कराएं, पॉली हाऊस में जड़-गांठ सूत्र कृमि प्रंबधन के लिए समन्वित सूत्र कृमि प्रंबधन पैकेज का पालन करें। इस सम्बन्ध में अन्य किसी जानकारी के लिए सूत्र कृमि विज्ञान विभाग चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविधालय के वैज्ञानिकों से सम्पर्क करें।
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