(Mahendragarh News) महेंद्रगढ़। हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ के जैवप्रौद्योगिकी विभाग द्वारा राजकीय कन्या उच्च विद्यालय, बसई के विद्यार्थियों के लिए व्यावहारिक प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। यह आयोजन ‘ग्रामोदय सहस्त्र विद्या दीपः‘ पहल के अंतर्गत भारत रत्न श्री नानाजी देशमुख की 108वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेशवर कुमार ने अपने संदेश में विद्यार्थियों को कड़ी मेहनत करने, पर्यावरण-अनुकूल प्रथाओं को अपनाने और माननीय प्रधानमंत्री के ‘विकसित भारत‘ दृष्टिकोण में योगदान करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन सैद्धांतिक और प्रायोगिक शिक्षा को जोड़ते हुए ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कदम रखने और भविष्य के नवाचारों का मार्ग प्रशस्त करते हैं।
राजकीय कन्या उच्च विद्यालय, बसई में आयोजित किया प्रशिक्षण
‘ग्रामोदय सहस्त्र विद्या दीपः‘ पहल का उद्देश्य एक हजार ग्रामीण विद्यार्थियों को जैव प्रौद्योगिकी के व्यावहारिक प्रशिक्षण के माध्यम से विज्ञान और तकनीकी प्रगति के प्रति रुचि उत्पन्न करना है। इस प्रशिक्षण में विद्यालय की 25 छात्राओं ने प्रतिभागिता की। प्रशिक्षण कार्यक्रम में छात्राओं ने विभिन्न पौधों की प्रजातियों से डीएनए निष्कर्षण की प्रक्रिया में सक्रिय रूप से हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम के माध्यम से विद्यार्थियों को प्रयोगात्मक अनुभव प्रदान कर उनकी जिज्ञासा और विज्ञान के प्रति रुचि को बढ़ाया गया।
राजकीय कन्या उच्च विद्यालय, बसई के प्रधानाचार्य श्री रणवीर सिंह ने प्रशिक्षण को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए आवश्यक सुविधाएं प्रदान की। विद्यालय के शिक्षकों श्री माजिद, श्री बब्लू कुमार और श्री दिवाकर में सक्रिय भागीदारी की। विद्यालय के शिक्षकों ने विश्वविद्यालय की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम स्कूल शिक्षा और उच्च शिक्षा संस्थानों के बीच के अंतर को कम करने में मददगार होते हैं।
प्रशिक्षण सत्र के दौरान, डॉ. हुमैरा सोनाह ने डीएनए की भूमिका पर व्याख्यान देते हुए बताया कि कैसे अनुवांशिक सामग्री जीवन की विविधता को आकार देती हैं और प्रजातियों के विकास में इसकी क्या भूमिका होती है। उन्होंने जैव प्रौद्योगिकी को जिम्मेदारीपूर्वक और सतत विकास के सिद्धांतों के तहत उपयोग करने की आवश्यकता पर जोर दिया। विभाग के शोधार्थी बादल महाकालकर और आकाश मौर्य ने डीएनए निष्कर्षण तकनीकों का व्यावहारिक प्रदर्शन किया।
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