(Mahendragarh News) महेंद्रगढ़। हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ द्वारा ग्रामीण विद्यार्थियों को बायोटेक्नोलॉजी क्षेत्र का व्यावहारिक प्रशिक्षण देने के उद्देश्य से सोशल आउटरीच कार्यक्रम के अंतर्गत शुक्रवार को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, जांट के विद्यार्थियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने अपने संदेश में देश के सतत विकास के लिए आधुनिक वैज्ञानिक विधियों को अपनाने और उन्नत उपकरणों के उपयोग के महत्व पर जोर दिया।
आयोजन में विद्यालय के 33 विद्यार्थियों ने प्रतिभागिता की। विश्वविद्यालय के शोध अधिष्ठाता प्रो. पवन कुमार शर्मा ने बताया कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम अगले 23 हफ्तों तक चलेगा, जिसमें प्रत्येक सप्ताह विभिन्न विद्यालयों के कक्षा ग्यारहवीं, बारहवीं और स्नातक विद्यार्थी प्रतिभागिता करेंगे। कार्यक्रम के अंतर्गत एक हजार विद्यार्थियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। विश्वविद्यालय के बायोटेक्नोलॉजी विभाग में सहायक आचार्य और बायोटेक्नोलॉजी विशेषज्ञ डॉ. रुपेश देशमुख और डॉ. हुमीरा सोनाह ने विद्यार्थियों को डीएनए निष्कर्षण की प्रक्रिया के बारे में एक विस्तृत परिचय दिया। तत्पश्चात विद्यार्थियों ने व्यावहारिक प्रशिक्षण में प्रतिभागिता की। उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम हेतु विद्यालय परिसर में विद्यार्थियों के लिए अस्थाई प्रयोगशाला स्थापित की गई। इसमें डीएनए निष्कर्षण तकनीकों से विद्यार्थियों को अवगत कराया गया। विद्यार्थियों ने नीम, गुलाब, अशोक और चमेली के पत्तियों से डीएनए निकालने का प्रशिक्षण लिया।
आयोजन का समन्वय राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, जांट के प्रधानाचार्य डॉ. अजय कुमार पराशर और शिक्षक अन्नू चहल और उर्मिला द्वारा किया गया। विश्वविद्यालय के बायोटेक्नोलॉजी विभाग के शोधार्थी बादल महाकल्कर, पवन कुमार, मुकेश मेघवाल, कीर्ति रानी और रोहित गुगुलावत ने विद्यार्थियों का मार्गदर्शन किया। यह आउटरीच पहल विश्वविद्यालय की उन्नत वैज्ञानिक शिक्षा और ग्रामीण समुदायों के बीच की खाई को पाटने की प्रतिबद्धता दर्शाती है।
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