Mahendragarh News : हकेवि में हिंदी पखवाड़े का हुआ समापन

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हकेवि में हिंदी पखवाड़े के समापन सत्र को संबोधित करते कुलसचिव प्रो. सुनील कुमार।

(Mahendragarh News) महेंद्रगढ़। हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ में सोमवार को हिंदी पखवाड़े का समापन हो गया। 14 सितंबर से आयोजित हिंदी पखवाड़े के अंतर्गत विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों, शोधार्थियों, शिक्षकों, शिक्षणेतर कर्मचारियों व गोद लिए हुए गाँवों के स्कूली बच्चों के लिए विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने संदेश के माध्यम से सफल आयोजन के लिए राजभाषा अनुभाग व हिंदी पखवाड़ा आयोजन समिति को बधाई दी।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय की सम कुलपति प्रो. सुषमा यादव ने हिंदी का महत्त्व बताते हुए कहा कि एक भाषा के रूप में हिंदी न सिर्फ भारत की पहचान है बल्कि यह हमारे जीवन मूल्यों, संस्कृति एवं संस्कारों की सच्ची संवाहक, संप्रेषक और परिचायक भी है। बहुत सरल, सहज और सुगम भाषा होने के साथ हिंदी विश्व की संभवतः सबसे वैज्ञानिक भाषा है, जिसे दुनिया भर में समझने, बोलने और चाहने वाले लोग बहुत बड़ी संख्या में मौजूद हैं। इस अवसर पर समकुलपति ने हिंदी पखवाडा के दौरान आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओ तथा हिंदी पखवाड़ा के सफल आयोजन के लिए आयोजको को बधाई दी ।

प्रतियोगिता के विजेताओं को किया गया पुरस्कृत

समापन सत्र में विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. सुनील कुमार ने अपने वक्तव्य में कहा कि हिंदी एक बहुमुखी भाषा और क्षेत्रों से प्रभावित हुई है। हिंदी साहित्य अपने विभिन्न रूपों और शैलियों में इस विविधता और समृद्धि को दर्शाता है। हिंदी एक ऐसी भाषा है जिसे संरक्षित और बढ़ावा देने की आवश्यकता है, क्योंकि यह हमारी पहचान और विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

विश्वविद्यालय में 14 से 30 सितम्बर के बीच आयोजित हिंदी पखवाड़ा-2024 के समापन की शुरुआत विश्वविद्यालय के कुलगीत के साथ हुई। इसके पश्चात हिंदी पखवाड़ा आयोजन समिति के समन्वयक प्रो. बीरपाल सिंह यादव ने स्वागत भाषण व रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए आयोजन में सम्मिलित गोद लिए गांवों के विद्यालयों के विद्यार्थियों व शिक्षकों, विश्वविद्यालय के शिक्षकों, शिक्षणेतर कर्मचारियों व विद्यार्थियों का विशेष रूप से इस आयोजन में सहभागिता हेतु आभार व्यक्त किया।

कार्यक्रम के समापन सत्र में विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं व प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र व पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। इनमें विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए गांवों के राजकीय स्कूल के विद्यार्थियों के लिए आयोजित निबंध लेखन प्रतियोगिता में छठीं से आठवीं कक्षा वर्ग में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, पाली की पायल को प्रथम, आयशा को द्वितीय तथा रितिका का तृतीय पुरस्कार दिया गया।

नौवी से बारहवीं वर्ग में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, सेहलंग की दीपांशी प्रथम, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, भगड़ाना की रक्षिता द्वितीय तथा ज्योति तृतीय स्थान पर रहीं।

विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों व शोधार्थियों के आयोजित निबंध लेखन प्रतियोगिता में हिंदी विभाग के सौरव ने प्रथम, दीपक कुमार महतो ने द्वितीय तथा पंकज यादव ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।

विश्वविद्यालय के शिक्षकों के लिए आयोजित पत्र लेखन प्रतियोगिता में योग विभाग के सहायक आचार्य डॉ. अजय पाल ने प्रथम स्थान, शिक्षक शिक्षा विभाग के डॉ. प्रमोद कुमार गुप्ता ने द्वितीय तथा संस्कृत विभाग की डॉ. सुमन रानी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। इसी क्रम में विश्वविद्यालय के शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के लिए आयोजित पत्र लेखन प्रतियोगिता में अनुभाग अधिकारी, रामवीर गुर्जर ने प्रथम, पुस्तकालय परिचर, मिट्ठू लाल ने द्वितीय तथा प्रवर श्रेणी लिपिक चेतन कुमार ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। कार्यक्रम के अंत में विश्वविद्यालय की हिंदी अधिकारी डॉ. कमलेश कुमारी ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। समापन कार्यक्रम में शोध अधिष्ठाता प्रो. नीलम सांगवान सहित विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, शिक्षकगण, अधिकारी, शिक्षणेतर कर्मचारी, विद्यार्थी व शोधार्थी एवं गोद लिए गॉंवों के विद्यार्थी व शिक्षक उपस्थित रहें। कार्यक्रम का मंच संचालन हिंदी विभाग के शोधार्थी गायत्री व रोबिन ने किया।

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