(Mahendragarh News) महेंद्रगढ़। हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ के कुलपति ने गुरुवार को भू-स्थानिक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर केंद्रित शीतकालीन स्कूल की विवरणिका का विमोचन किया। इस अवसर पर कुलपति ने कहा कि शीतकालीन स्कूल को भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी में ज्ञान और क्षमता को बढ़ाने के उद्देश्य से डिजाइन किया गया है, जो भारत सरकार की ’डिजिटल इंडिया’ पहल के साथ संरेखित है।
विश्वविद्यालय कुलपति ने कहा कि भारत के तेजी से विकसित हो रहे बुनियादी ढांचे के परिदृश्य में, डिजिटल परिवर्तन बढ़ी हुई दक्षता, लागत-प्रभावशीलता और समय पर परियोजना पूर्ण करने के लिए भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
यहां बता दें कि हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय ने भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के राष्ट्रीय भू-स्थानिक कार्यक्रम (एनजीपी) के सहयोग से भू-स्थानिक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर शीतकालीन स्कूल की घोषणा की है। यह कार्यक्रम आगामी 25 नवंबर से 15 दिसंबर, 2024 तक आयोजित किया जाएगा।
विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ बेसिक साइंसेज के अंतर्गत संचालित भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. जितेंद्र इस पहल का समन्वयन करेंगे। डॉ. जितेंद्र ने बताया कि यह कार्यक्रम तीन स्तरों में प्रशिक्षण प्रदान करता है। जिसमें वर्तमान घोषणा पहले स्तर के मानक कार्यक्रम पर केंद्रित है। इसमें जीआईएस, रिमोट सेंसिंग और डिजिटल इमेज प्रोसेसिंग के मूल सिद्धांतों को शामिल किया गया है, जो व्यावहारिक प्रयोगशाला सत्रों, फील्डवर्क और मिनी-प्रोजेक्ट्स द्वारा संचालित होगी।
डॉ. जितेंद्र ने बताया कि इस कार्यक्रम में कॉलेजों और विश्वविद्यालयों के संकाय सदस्य, राज्य और केंद्र सरकार के अधिकारी, शोधकर्ता, स्कूल शिक्षक और पंजीकृत गैर सरकारी संगठन प्रतिभागिता कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें 30 सितंबर, 2024 तक केज.पहमजण्पद पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवदेन पत्र भरना होगा। कुल 25 चयनित प्रतिभागियों केा 03 अक्टूबर, 2024 तक सूचित किया जाएगा। इस कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी कार्यक्रम समन्वयक एवं विभाग से प्राप्त की जा सकती है।