(Mahendragarh News) महेंद्रगढ़। हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ में सोमवार को पांच दिवसीय संक्षिप्त अनुवाद प्रशिक्षण का उद्घाटन विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने दीप प्रज्जवलन कर किया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन केंद्रीय अनुवाद ब्यूरो, नई दिल्ली के सहयोग से आगामी 13 सितंबर तक किया जाएगा। कार्यक्रम में केंद्रीय अनुवाद ब्यूरो के उप निदेशक श्री नरेश कुमार व सहायक निदेशक श्री जगत सिंह रोहिल्ला विशेषज्ञ के रूप में उपस्थित रहेंगे। विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि ये पाँच दिन राजभाषा हिंदी के नहीं बल्कि संस्कृति के पांच दिन हैं। अवश्य ही प्रतिभागी इन पांच दिनों में हिंदी के अनुवाद प्रशिक्षण में विभिन्न पहलुओं से लाभांवित होंगे। कुलपति ने आयोजकों को प्रतिदिन प्रधानमंत्री द्वारा प्रस्तुत पांच प्रण से भी अवगत कराने व उन पर विमर्श करने के लिए प्रेरित किया।
विश्वविद्यालय कुलपति ने अपने संबोधन में शिक्षा में मातृभाषा के महत्त्व का उल्लेख करते हुए कहा कि यदि विद्यार्थी स्वभाषा में अध्ययन करेगा तो वह सफलता की नई ऊचाइंयों को प्राप्त कर सकता है और यही कारण है कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी इस बात का विशेष रूप से उल्लेख किया गया है। कुलपति ने अपने संबोधन में अनुवाद के महत्त्व का उल्लेख करते हुए इसकी आवश्यकता व उपयोगिता से प्रतिभागियों को अवगत कराया। विश्वविद्यालय की समकुलपति प्रो. सुषमा यादव ने भाषा की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि किस प्रकार भाषा भारत के विकास के लिए अनिवार्य तत्व है। उन्होंने कहा कि भाषा जनमानस की संस्कृति का द्योतक है। अपनी संस्कृति को संजोने के लिए भाषा को बचाना और उसे बढ़ाना अति आवश्यक है। इससे पूर्व में विश्वविद्यालय की हिंदी अधिकारी डॉ. कमलेश कुमारी ने विशेषज्ञों व प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। कार्यक्रम में विशेषज्ञ श्री नरेश कुमार ने संक्षिप्त अनुवाद कार्यक्रम की महत्ता से प्रतिभागियों को अवगत कराया और केंद्रीय अनुवाद ब्यूरो द्वारा संचालित विभिन्न अनुवाद प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर प्रकाश डाला। इसी क्रम में श्री जगत सिंह रोहिल्ला ने इस अनुवाद प्रशिक्षण कार्यक्रम से निश्चित रूप से लाभ प्राप्त करने हेतु आशान्वित किया। उद्घाटन सत्र का समापन विश्वविद्यालय हिंदी सलाहकार समिति के अध्यक्ष व हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. बीर पाल सिंह यादव द्वारा औपचारिक रूप से धन्यवाद ज्ञापन द्वारा किया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी व नराकास के सदस्या ने प्रतिभागिता की। आयोजन में हिंदी विभाग के शोधार्थी गायत्री, रोबिन, सरिता, अनुज, मुनीश आदि ने कार्यक्रम के संचालन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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