(Mahendragarh News) महेंद्रगढ़। हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ में केंद्रीय अनुवाद ब्यूरो, नई दिल्ली के सहयोग से आयोजित पांच दिवसीय ‘संक्षिप्त अनुवाद प्रशिक्षण कार्यक्रम‘ का शुक्रवार को समापन हो गया। कार्यक्रम में समापन सत्र में विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. सुनील कुमार मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे जबकि केंद्रीय अनुवाद ब्यूरो की ओर से सहायक उपनिदेशक श्री जगत सिंह रोहिल्ला व श्रीमती लेखा सरीन उपस्थित रहे। विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने अपने संबोधन में केंद्रीय अनुवाद ब्यूरो से आए विशेषज्ञों का आभार व्यक्त किया और राजभाषा अनुभाग को प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने के लिए बधाई दी। कुलपति ने कहा कि इस आयोजन के माध्यम से विश्वविद्यालय के कार्यालयीन कार्य में अवश्य ही राजभाषा हिंदी के प्रयोग को बल मिलेगा। विश्वविद्यालय समकुलपति प्रो. सुषमा यादव ने भी कार्यक्रम के सफलतापूर्वक सम्पन्न होने पर शुभकामनाएं प्रेषित की।
समापन सत्र की शुरुआत विश्वविद्यालय के कुलगीत के साथ हुई। इसके पश्चात हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. बीर पाल सिंह यादव ने स्वागत भाषण प्रस्तुत करते हुए इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को सृजनात्मक बताया। केंद्रीय अनुवाद ब्यूरो की उपनिदेशक श्री लेखा सरीन ने कहा कि अनुवाद एक कला है और कला में निखार अभ्यास जरूरी है। विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. सुनील कुमार ने कहा कि हिंदी के कार्य करने में अपनापन महसूस होता है। उन्होंने हिंदी में कार्य करने के लिए प्रतिभागियों को प्रेरित किया।
विश्वविद्यालय की हिंदी अधिकारी डॉ. कमलेश कुमारी ने प्रशिक्षण कार्यक्रम की रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए ने बताया कि कार्यालयीन कामकाज में राजभाषा हिंदी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विश्वविद्यालय के शिक्षकों और शिक्षणेतर कर्मचारियों के लिए इस पाँच दिवससीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें केंद्रीय अनुवाद ब्यूरो के उपनिदेशक श्री नरेश कुमार, सहायक निदेशक श्री जगत सिंह रोहिल्ला और श्रीमती लेखा सरीन विशेषज्ञों के रूप में 35 प्रतिभागियों को प्रशिक्षण दिया।
समापन सत्र में पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम पर प्रतिभागियों ने अपने अनुभव भी साझा किए। इसमें प्रतिभागियों की ओर से भविष्य में भी इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करवाने का आग्रह किया। समापन सत्र में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र भी प्रदान किए गए। कार्यक्रम के अंत में डॉ. कमलेश कुमारी ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में हिंदी विभाग के विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों गायत्री, योगेश, रोबिन, अनुज, संदीप राहुल, गीता आदि ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।