(Mahendragarh News) महेंद्रगढ़। गीता विज्ञान प्रचार समिति महेंद्रगढ़ की ओर से स्थानीय करेलिया बाजार स्थित बाबा जयराम दास धर्मशाला में चल रहे श्रीमद् भागवत सप्ताह अमृत महोत्सव के दौरान तपोभूमि हरिद्वार से पधारे महामंडलेश्वर श्रीश्री1008 स्वामी विज्ञानानंद सरस्वती जी महाराज के द्वारा गत दिवस वीरवार को कथा के पहले दिन कथा महात्म्य के अंतर्गत भक्ति, ज्ञान-वैराग्य के बारे में बताया गया तथा धुंधकारी एवं गोकर्ण की कथा का वर्णन किया गया।कथा के दौरान का प्रसाद गुरुग्राम से नितेश गर्ग द्वारा किया गया तथा मंच संचालन का कार्य प्रवक्ता सुशील शर्मा ने बखूबी से निभाया।
इस कार्यक्रम के यजमान श्री गीता विज्ञान प्रचार समिति के प्रधान मुकेश मेहता एवं श्रीमती निशु मेहता सपरिवार थे जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में नगर पालिका प्रधान रमेश सैनी एवं सेठ भारत भूषण गोयल अनाज मंडी भी वहां पहुंचे। कथा की शुरआत में महाराज जी द्वारा कनखल हरिद्वार में स्थित संस्कृत महाविद्यालय के छोटे-छोटे विद्यार्थियों द्वारा स्वस्तिवाचन किया गया। जिसको कथा में उपस्थित सभी भक्तों ने बहुत ही सहराया। धुंधकारी एवं गोकर्ण की कथा का वर्णन करते हुए गुरु जी ने बताया कि गोकर्ण के पिता का नाम पंडित आत्मदेव और माता का नाम धुंधली था इस प्रकार पंडित आत्मदेव के पुत्र धुंधकारी हुए। गोकर्ण की कथा का वर्णन करते हुए गुरु जी ने बताया कि महात्मा जी के द्वारा दिए गए फल को गाय ने खा लिया था इसलिए कुछ दिनों बाद गाय को भी एक पुत्र उत्पन्न हुआ जिसके सभी अंग मनुष्य के जैसे थे परन्तु कान गाय के जैसे थे इसलिए पंडित आत्मदेव ने उस पुत्र का नाम गोकर्ण रख दिया। आगे चलकर गोकर्ण तो बहुत बड़ा विद्वान बन गया और धुंधकारी गलत रास्ते पर चलने लगा और एक दिन पांच वेश्याओं ने मिलकर धुंधकारी को मार दिया । इस अवसर पर गीता विज्ञान प्रचार समिति के समस्त पदाधिकारियों के अतिरिक्त अनेक गणमान्य लोग भी उपस्थित रहे।
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