- डाक्टर, फार्मासिस्ट, क्लर्क, कर्मचारियों तथा छात्रों ने मिलकर की साफ सफाई
(Mahendragarh News) नारनौल। बाबा खेतानाथ राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज एवं अस्पताल पटीकरा में आज स्वच्छता अभियान चलाकर साफ-सफाई की। इस मौके पर सभी डाक्टर, फार्मासिस्ट, क्लर्कों, कर्मचारियों तथा छात्रों समेत 270 लोगों ने इस सफाई अभियान में भाग लिया।
इस मौके पर प्राचार्य डॉ. श्रीनिवास गुज्जरवार ने अधिकारियों, कर्मचारियों व छात्रों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करते हुए कहा कि हमें अपने आस-पास के क्षेत्र की सफाई हमेशा करते रहना चाहिए तथा अपने आंतरिक मन को भी शुद्ध रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार हम सभी दिपावली व दशहरा जैसे त्योंहारों पर घर की सफाई करते हैं वैसे ही संस्थान में भी समय-समय पर अपने परिवार का हिस्सा समझते हुए साफ सफाई करना चाहिए। उसी श्रद्धा के साथ हम सभी मिलकर एक-दूसरे का सहयोग करके संस्थान को स्वच्छ रखने का प्रण लेते हैं।
उन्होंने बताया कि अब इस कॉलेज में तीसरे साल छात्रों की प्रवेश प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है जिसकी सभी सीटें श्री कृष्णा आयुष युनिवर्सिटी के माध्यम से भरी जा चुकी हैं। अभी वर्तमान में छात्रों को अस्पताल परिसर में सभी चिकित्सा विशेषज्ञों के निर्देशन में क्लीनिकल अध्ययन प्रारंभ करा दिया गया। अभी अस्पताल में 300 से 320 मरीज आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि इसमें मरीजों को पंचकर्मा, क्षारसूत्र, अग्निकर्म चिकित्सा व मर्म चिकित्सा प्रदान की जाती है। इस समय अस्पताल में जोडों के रोग, गठिया, पैरालिसीस, सियाटिका, स्पॉण्डिलायटीस, बवासीर, भगंदर, कब्ज, गुर्दे की पथरी, चर्म रोग, शुगर, एसिडीटी, ब्लड प्रेशर, पेट के रोग, स्त्री रोग, बाल रोग, माइग्रेन के अलावा अन्य पुरानी बीमारियों का ईलाज निशुल्क आयुर्वेदिक औषधियों द्वारा किया जाता है।
हरियाणा सरकार द्वारा यहां उपचार के लिए भर्ती होकर ईलाज कराने वाले मरीजों को निशुल्क भोजन भी उपलब्ध करवाया जा रहा है। यहां रोगों से बचने के लिए स्वस्थ जीवन शैली के बारे में जानकारी के साथ ही प्रातः काल में प्रतिदिन योग कक्षा का संचालन अस्पताल में किया जाता है।
इस मौके पर उप चिकित्सा अधीक्षक डॉ. पंकज कौशिक ने कहा कि सिर्फ हमें साफ-सफाई ही नहीं करनी बल्कि साफ-सफाई के प्रति जन-जन में जागरूकता पैदा करना है। सफाई का कार्य मैडिकल कॉलेज जैसे संस्थान में नियमित रूप से तो होता ही है, लेकिन संस्थान में पढ़ने वाले छात्रों तथा उसमें कार्य करने वाले कर्मचारियों के अंदर सफाई के प्रति संवेदनशीलता जगाना अति आवश्यक है।
उन्होंने बताया कि इस कार्य के लिए 7 टीमों में विभाजित किया गया तथा प्रत्येक टीम का नेतृत्व वरिष्ठ चिकित्सकों द्वारा किया गया।
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