(Mahendragarh News) महेंद्रगढ़। हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़ के मनोविज्ञान विभाग द्वारा ‘संशोधन पद्धति और अकादमिक लेखन‘ पर आधारित दो सप्ताह के क्षमता निर्माण कार्यक्रम की सोमवार को शुरुआत हो गई। भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएसएसआर), नई दिल्ली द्वारा प्रायोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य सामाजिक विज्ञान के क्षेत्र में कार्यरत संकाय सदस्यों के शोध कौशल और अकादमिक लेखन क्षमताओं का विकास करना है।
विश्वविद्यालय के कुलपति ने कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए प्रतिभागियों को विचारों के विकास हेतु इस आयोजन को महत्त्वपूर्ण बताया। उन्होंने सामाजिक विज्ञान के क्षेत्र में मुल्य आधारित शोध की संस्कृति का उल्लेख करते हुए इसे अकादमिक व सामाजिक विकास के लिए महत्त्वपूर्ण बताया।
आईसीएसएसआर द्वारा प्रायोजित कार्यक्रम में देशभर से 26 प्रतिभागी ले रहे हैं हिस्सा
कुलपति ने अपने संबोधन में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नेतृत्व क्षमता के विकास और नवाचार के लिए आवश्यक कार्ययोजना का उल्लेख करते हुए विशेष रूप से आवश्यक बदलावों की महत्ता की ओर प्रतिभागियों का ध्यान आकर्षित किया। कुलपति के द्वारा प्रस्तुत विचारों ने प्रतिभागियों के बीच सामाजिक विज्ञान के क्षेत्र में शोध के महत्त्व और उससे होने वाले भविष्य निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया।
आयोजन में विशिष्ट अतिथि महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय, रोहतक की प्रो. शालिनी सिंह ने सामाजिक विज्ञान के क्षेत्र में होने वाले शोध को व्यक्ति विशेष के जीवन में आने वाले बदलावों के लिए महत्त्वपूर्ण बताया। उन्होंने विशेषज्ञ वक्ता के रूप में वैज्ञानिक नजरिए के साथ प्रतिभागियों को सामाजिक विज्ञान के क्षेत्र में उपलब्ध अवसरों से भी अवगत कराया। प्रो. शालिनी सिंह ने अपने संबोधन में सामाजिक विज्ञान और समाज के बीच आपसी समन्वय के लिए आवश्यक सैद्धांतिक व व्यावहारिक पक्षों का उल्लेख करते हुए नीति निर्माण, शिक्षाविदों व उद्यमिता के स्तर पर नेतृत्व की भूमिका पर भी विस्तार से प्रकाश डाला।
आयोजन के उद्घाटन सत्र में स्वागत भाषण इस क्षमता निर्माण कार्यक्रम की निदेशक व हकेवि की मानविकी और सामाजिक विज्ञान पीठ की अधिष्ठाता प्रो. पायल कंवर चंदेल ने प्रस्तुत किया। आयोजन के सह-निदेशक डॉ. विष्णु कुचेरिया ने आयोजन के आरंभ में कार्यक्रम की रूपरेखा पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि आगामी 04 जनवरी, 2025 तक चलने वाले इस आयोजन में विभिन्न शिक्षण संस्थानों व विश्वविद्यालयों के 26 प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं। उद्घाटन सत्र के अंत में प्रो. विश्वा चौधरी ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
साथ ही प्रो. चौधरी ने आयोजन के दूसरे सत्र में शोध प्रसताव लेखन की बारीकियों से प्रतिभागियों को अवगत कराया। इस कार्यक्रम में प्रो. राजीव कुमार सिंह, प्रो. सुशीला सोरिया, डॉ. राजेंद्र प्रसाद मीणा, डॉ. सुमन, डॉ. के.आर. पलसानिया, डॉ. रवि प्रताप पांडे, डॉ. प्रदीप कुमार और डॉ. मोहित ने सक्रिय योगदान दिया।
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