(Mahendragarh News) महेंद्रगढ़। राजकीय माध्यमिक विद्यालय धोली में शहीद भगत सिंह जयंती पर स्कूल प्रांगण में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि स्कूल की मुख्याध्यापिका मुकेश देवी थी जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता अनिल कुमार मुख्य शिक्षक ने की।
कार्यक्रम का संचालन बाबूजी सुजान मालड़ा ने किया। मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन में कहा कि हमारा काफी वर्षों तक अंग्रजों के गुलाम रहा। 1857 से लेकर 1947 तक भारत माता को गुलामी की बेड़ियों से मुक्त करवाने के लिए असंख्य क्रांतिकारियों, स्वतंत्रता सेनानियों व देशभक्तों ने अपनी जान की बाजी लगाई।
तब जाकर हमारा देश आजाद हुआ था। इन क्रांतिकारियों में एक नाम भगत सिंह का भी है। छोटी सी उम्र में ही भगत सिंह के मन में देश को आजाद कराने की लालसा जगी। करतार सिंह सराभा और लाला लाजपतराय से प्रभावित थे। 13 अप्रैल 1919 को जलियांवाला बाग हत्याकांड ने भगत सिंह के बाल मन पर बड़ा गहरा प्रभाव डाला। उन्होंने 14 वर्ष की उम्र में ही पढ़ाई व घर बार छोड़ दिया और आजादी के आंदोलन में कूद पड़े।
उन्होंने महात्मा गांधी, रामप्रसाद बिस्मिल, बटुकेश्वर दत्त, राजगुरु, सुखदेव सिंह,नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, चंद्रशेखर आजाद जैसे क्रांतिकारियों के साथ मिलकर अंग्रेजों के दांत खट्टे किए। 23 मार्च 1931 को उन्हें दो अन्य साथियों राजगुरु और सुखदेव को फांसी की सजा दी गई।
फांसी से पहले उन्होंने कहा कि एक भगत सिंह के मरने से हजारों भगत सिंह पैदा होंगे। हमें गर्व है ऐसे क्रांतिकारियों पर। इस मौके पर रुचिका, महक, चित्रा ने “भगत सिंह कदे जी घबरा जा बंद मकान में” देशभक्ति गीत पेश किया। इस मौके पर विद्यालय स्टाफ व विद्यार्थियों ने शहीद भगत सिंह के चित्र के समक्ष पुष्प अर्पित किए।